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1 year ago .New Delhi, Delhi, India

देव दीपावली और दिवाली में क्या अंतर है?

  • कार्तिक माह की पूर्णि‍मा के दिन भगवान शि‍व ने त्रि‍पुरा नामक राक्षस का वध किया था.
  • त्रिपुरा राक्षस के वध की खुशी में सभी देव देवताओं ने काशी में देव दीपावली मनाई थी
  • देव दीपावली के दिन गंगा स्नान और गंगा तट पर दिए प्रज्जवलित करने की परंपरा है

Written by:Ashis
Published: November 07, 2022 01:08:15 New Delhi, Delhi, India

Difference Between Deepawali And Dev Deepawali: दीपावली और देव दीपावली दोनों ही सुनने में काफी मिलते जुलते हैं. लेकिन दोनों ही त्योहारों का अपना अपना विशेष महत्व है. आपको बता दें कि कार्तिक माह की अमावस्या को पूरे भारत में दीपावली का पर्व बड़े ही धूमधाम से मनाया जाता है. बता दें कि दीपावली पर्व को दशहरे के ठीक 14 दिन बाद भगवान राम के अयोध्या लौटने की खुशी में मनाया जाता है. इस दिन माता लक्ष्‍मी और गणेश जी का पूजन किया जाता है. मिठाई,पटाखों और दियों के साथ मनाया जाने वाला यह विशेष पर्व पूरे भारत में बड़े ही हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है.

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वहीं आपको बता दें कि अगर देव दीपावली की बात की जाए, तो यह पवित्र पर्व दि‍वाली के ठीक 15 दिन बाद, कार्तिक माह की पूर्णिमा को वाराणसी, काशी और गंगा के घाट पर देव दीपावली मनाई जाती है. इसे देवताओं की या देव आगमन दिवाली भी कहा जाता  है. भगवान शिव की नगरी काशी में इस पर्व की छटा देखते ही बनती है और लोग बड़े ही उत्साह के साथ देव दीपावली मनाते हैं. इस वर्ष देव दीपावली 7 नंवबर को मनाई जा रही है. 

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देव दीपावली का महत्व

प्राचीन प्रचलित कथाओं के मुताबिक, कार्तिक माह की पूर्णि‍मा के दिन भगवान शि‍व ने त्रि‍पुरा नामक राक्षस का वध किया था. इसी खुशी में सभी देवी-देवताओं ने भगवान शिव के साथ काशी में गंगा स्‍नान किया था और घाट पर दीये जलाकर पूरे विधि विधान और हर्षोल्लास के साथ इस पर्व को मनाया था. तभी से देव दीपावली पर्व का विशेष महत्व है. इस दिन गंगा स्‍नान का विशेष महत्‍व है. देव दीपावली के दिन बहुत दूर दूर से भक्तगण  गंगा तट पर पहुंचते हैं और गंगा स्नान करने के साथ साथ विधि विधान से पूजन करने के साथ दीप प्रज्जवलित करते हैं.

Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ओपोई इसकी पुष्टि नहीं करता है.

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