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1 year ago .New Delhi, India

Somvati Amavasya 2023 Puja Vidhi: सोमवती अमावस्या पर इस विधि से करें पूजा, जीवन के सभी दुख होंगे दूर

सोमवती अमावस्या पूजा विधि.(फोटो साभार: Pixabay)

  • सनातन धर्म में सोमवती अमावस्या तिथि का विशेष महत्व माना गया है.

  • सोमवार को पड़ने वाली अमावस्या को सोमवती अमावस्या के नाम से जाना जाता है.

  • इस बार फाल्गुन माह में 20 फरवरी को सोमवती अमावस्या है.


Written by:Kaushik
Published: February 19, 2023 10:43:49 New Delhi, India

Somvati Amavasya 2023 Puja Vidhi: इस समय फाल्गुन का महीना चल रहा है. प्रत्येक माह अमावस्या तिथि पड़ती है. सनातन धर्म में अमावस्या तिथि का विशेष महत्व माना गया है. हिंदू मान्यताओं के मुताबिक, सोमवार को पड़ने वाली अमावस्या को सोमवती अमावस्या के नाम से जाना जाता है. इस बार फाल्गुन माह में 20 फरवरी (Somvati Amavasya 2023 Date) को सोमवती अमावस्या है. इस दिन भगवान विष्णु की पूजा-अर्चना की जाती है और पितरों की आत्मा की शांति के लिए तर्पण करने का भी विधान है. इसके अलावा सोमवती अमावस्या के दिन नदियों में स्नान और दान करने का खास महत्व बताया गया है. मान्यता है कि जो इंसान इस दिन विधि-पूर्वक पूजा-पाठ करता है. उसको शुभ फल की प्राप्ति होती है और उसके जीवन के सभी दुख खत्म हो जाते हैं. तो चलिए हम आपको बताएंगे सोमवती अमावस्या का शुभ मुहूर्त और पूजा विधि के बारे में.

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Somvati Amavasya 2023 की तिथि

हिंदू पंचांग के मुताबिक, फाल्गुन मास के कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि 19 फरवरी, रविवार को शाम 04 बजकर 18 मिनट से प्रारंभ होगी और इसके अगले दिन यानि 20 फरवरी को दोपहर 12 बजकर 35 मिनट तक रहेगी. उदया तिथि के मुताबिक, फाल्गुन अमावस्या या सोमवती अमावस्या 20 फरवरी 2023 को है.

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सोमवती अमावस्या का शुभ मुहूर्त

सोमवती अमावस्या के दिन स्नान और दान करने का महत्व है. इस दिन सुबह 06 बजकर 56 मिनट से लेकर सुबह 08 बजकर 20 मिनट तक अमृत काल रहेगा. इसके बाद सुबह 09 बजकर 45 मिनट से सुबह 11 बजकर 10 मिनट तक दान का उत्तम मुहूर्त है.

सोमवती अमावस्या पूजा विधि

-सोमवती अमावस्या के दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान करें. बता दें कि इस दिन सरवोर या नदी में स्नान करने का अधिक महत्व बताया गया है. अगर आप सरवोर या नदी में स्नान नहीं कर सकते हैं. तो ऐसे में आप घर में ही नहाने के पानी में गंगाजल मिलाकर भी स्नान कर सकते हैं.
-इसके बाद घर के मंदिर में दीप जलाएं करें और सूर्य देव को अर्घ्य दें.

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-यदि आप उपवास रख सकते हैं तो इस दिन उपवास भी जरूर रखें.
-इस दिन पितर संबंधित काम करने चाहिए.
-इसके अलावा पितरों के निमित्त तर्पण और दान करें.
-सोमवती अमावस्या के दिन भगवान का ध्यान करें
-इस दिन भगवान विष्णु की पूजा का विशेष महत्व बताया गया है.
-सोमवती अमावस्या के दिन भगवान शिव की भी पूजा करें.

Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ओपोई इसकी पुष्टि नहीं करता है.

 

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