Pitru Paksha 2022: पूर्वजों की शांति के लिए घर में ऐसे करें श्राद्ध-तर्पण
- हिंदू कैलेंडर के अनुसार पितृ पक्ष 15 दिनों की एक महत्वपूर्ण पक्ष है
- पितृ पक्ष दिवंगत पूर्वजों को समर्पित है
- पितृ पक्ष में कोई भी शुभ कार्य करना अशुभ माना जाता है
Pitru Paksha 2022: पितृ पक्ष (Pitru Paksha) आज 10 सितंबर 2022 से शुरू हो गया है. यदि आप पितृ पक्ष के दौरान गया, गोदावरी तट और प्रयाग में श्राद्ध-तर्पण नहीं कर सकते हैं, तो आप घर पर रहकर भी पितरों की शांति के लिए अनुष्ठान (Rituals) कर सकते हैं. महाभारत और पद्मपुराण सहित अन्य हिंदु (Hindu) ग्रंथों में कहा गया है कि जो व्यक्ति पितृ पक्ष में अपने पूर्वजों की क्षमता के अनुसार श्राद्ध करता है, उसकी मनोकामनाएं पूरी होती हैं. परिवार में शांति रहती है. व्यापार और आजीविका में प्रगति हो रही है. साथ ही जीवन में सभी प्रकार की बाधाएं दूर हो जाती हैं. आइये जानते हैं पितृ पक्ष में घर बैठे आप पूर्वजों की शांति के लिए कैसे श्राद्ध-तर्पण कर सकते हैं.
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इस तरह आप घर पर ही श्राद्ध और तर्पण कर सकते हैं
1-जिस दिन आप श्राद्ध करना चाहते हैं उस दिन सूर्योदय से दिन के 12 बजकर 24 मिनट के बीच श्राद्ध करें.
2- उस दिन सुबह उठकर स्नान कर ले, इसके बाद पूरे घर की साफ सफाई करें. साथ ही घर में गंगाजल और गोमूत्र का छिड़काव करें.
3- मुंह दक्षिण दिशा में रखते हुए बाएं पैर को मोड़कर बाएं घुटने को जमीन पर टिकाकर बैठ जाएं. इसके बाद एक चौड़े तांबे के बर्तन में काले तिल, कच्ची गाय का दूध, गंगाजल और पानी डाल दें. उस जल को दोनों हाथों में भरकर दाहिने हाथ के अंगूठे से उसी पात्र में डाल दें. ऐसा 11 बार करते हुए पितरों का ध्यान करें.
4 – घर के आंगन में रंगोली बनाएं. महिलाओं को स्नान कर के पितरों के लिए भोजन बनाना चाहिए. श्राद्ध के अधिकारी अर्थात् श्रेष्ठ ब्राह्मण को आमंत्रित करें. ब्राह्मण को भोजन कराएं और आमंत्रित ब्राह्मण के पैर धोएं. ऐसा करते समय पत्नी को दाहिनी ओर रखें.
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5 – गाय के दूध से बनी खीर को पितरों के लिए अग्नि में चढ़ाएं. ब्राह्मण भोजन से पहले पंचबली के लिए भोजन सामग्री यानी गाय, कुत्ता, कौआ, देवता और चींटी को पत्तों पर निकाल लें.
6 – दक्षिण दिशा की ओर मुंह करके कुश, जौ, तिल, चावल और जल लेकर संकल्प लें और एक या तीन ब्राह्मणों को भोजन कराएं. इसके बाद भोजन की थाली या पत्ते पर ब्राह्मणों को भोजन कराएं.
7 – आप भोजन के बाद ब्राह्मणों को आप यथासंभव दक्षिणा और अन्य सामग्री का दान कर सकते हैं. इसमें गाय, भूमि, तिल, सोना, घी, वस्त्र, अनाज, गुड़, चांदी और नमक (जिसे महादान कहते हैं) का दान कर सकते हैं. इसके बाद चार परिक्रमा कर निमंत्रित ब्राह्मण का आशीर्वाद लें.
8 – श्राद्ध में सफेद फूलों का ही प्रयोग करें. श्राद्ध के लिए दूध, गंगाजल, शहद, सफेद वस्त्र, अभिजीत मुहूर्त और तिल मुख्य रूप से आवश्यक हैं.
Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ओपोई इसकी पुष्टि नहीं करता है.
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