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10 months ago .New Delhi, India

Kajri Teej 2023 Date: कब है कजरी तीज? जानें दिन, समय और पूजा के लिए शुभ मुहूर्त

हिंदू धर्म में अहोई अष्टमी व्रत का विशेष महत्व है. (फोटो साभार: Unslpash)

कजरी तीज व्रत को कजलिया तीज भी कहते हैं. साल 2023 में कजरी तीज का व्रत किया जाता है. कजरी तीज का व्रत सुहागिन महिलाएं ही करती हैं.

Written by:Sneha
Published: August 04, 2023 10:30:00 New Delhi, India

Kajri Teej 2023 Date: भारत में कई त्योहार ऐसे पड़ते हैं जिसमें पति-पत्नी के रिश्ते को मजबूती मिलती है. उसमें से एक कजरी तीज है जो सुहागिन महिलाएं अपने पतियों की लंबी आयु के लिए करती हैं. कजरी तीज व्रत का इंतजार सुहागिन महिलाएं सालभर करती हैं और इस व्रत को खुशी-खुशी करती हैं. भाद्रपद माह के कृष्ण पक्ष की तृतीया तिथि को कजरी व्रत रखते हैं. कजरी तीज को कजलिया तीज और सातुड़ी तीज के नाम से भी जानते हैं. कजरी तीज रक्षाबंधन के तीन दिन बाद मनाया जाता है. इस साल कजरी तीज किस दिन और तारीख को पड़ रहा है चलिए आपको बताते हैं.

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कब है कजरी तीज? (Kajri Teej 2023 Date)

हिंदू पंचांग के अनुसार, भाद्रपद माह के कृष्ण पक्ष की तृतीया तिथि 1 सितंबर, 2023 की रात 11.50 बजे शुरू होगी और ये 2 सितंबर 2023 की रात 8.49 बजे पर समाप्त होगी. पूजा का सही समय सुबह 7.57 बजे से सुबह 9.31 बजे तक है, वहीं दूसरा समय रात 9.45 बजे से 11.12 बजे तक है. इस साल कजरी तीज 2 सितंबर को मनाई जाएगी और इस तीज को बड़ी तीज भी कहते हैं. कजरी तीज में महिलाएं शिव-शक्ति की पूजा कर नीमड़ी माता की आराधना होती है. उत्तर भारतीय राज्यों, विशेषकर मध्य प्रदेश, राजस्थान, उत्तर प्रदेश में मनाया जाता है. इस दिन भगवान शंकर और माता पार्वती की पूजा की जाती है. इस दिन सुहागिन महिलाएं अपने-अपने पतियों के लिए रखती हैं.

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कजरी तीज का महत्व क्या है? (Kajari Teej Significance)

पौराणिक कथाओं के अनुसार, कजरी तीज व्रत सबसे पहले माता पार्वती ने रखा था. इस व्रत को करने वालों का दांपत्य जीवन अच्छा रहता है. इसके साथ ही ऐसी भी मान्यता है कि कुंवारी लड़कियों को मनचाहा वर प्राप्त हो जाता है. ऐसी मान्यता है कि इस व्रत के प्रताप से वैवाहिक जीवन के क्लेश को भी दूर करता है. साथ ही संतान और परिवार की खुशहाली का आशीर्वाद मिलता है. इस दिन रात में चंद्रमा की भी पूजा की जाती है. इस दिन हाथ में गेहूं के दाने और जल लेकर चंद्रमा को अर्घ्य दिया जाता है.

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ओपोई इसकी पुष्टि नहीं करता है.)

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