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1 year ago .New Delhi, India

Guru Pradosh Vrat 2023 Date and Time: फरवरी में कब है गुरु प्रदोष व्रत? नोट कर लें शुभ मुहूर्त और पूजा विधि

  • प्रदोष व्रत के दिन भगवान शिव की पूजा-अर्चना की जाती है.
  • प्रत्येक माह में 2 बार प्रदोष व्रत पड़ता है.
  • इस बार माघ माह के शुक्ल पक्ष का प्रदोष व्रत 2 फरवरी को है.

Written by:Kaushik
Published: February 02, 2023 08:30:48 New Delhi, India

Guru Pradosh Vrat 2023 Date and Time: प्रदोष व्रत के दिन भगवान शिव की पूजा-अर्चना की जाती है. प्रत्येक माह में 2 बार प्रदोष व्रत पड़ता है. एक कृष्ण पक्ष में और दूसरा शुक्ल पक्ष में. तो इस तरह से वर्ष में कुल 24 प्रदोष व्रत पड़ते हैं. इस बार माघ माह के शुक्ल पक्ष का प्रदोष व्रत 2 फरवरी को है. इस दिन गुरुवार है. तो इस वजह से इस प्रदोष व्रत को गुरु प्रदोष व्रत के नाम से जाना जाएगा. हिंदू (Hindu) मान्यता के मुताबिक, प्रदोष व्रत में भगवान शिव की पूजा (Pradosh Vrat Puja) करने से संतान की दीर्धायु, वैवाहिक सुख और ग्रहों के पीड़ा से मुक्ति मिलती है. प्रदोष व्रत को करने से भक्त को हर तरह के सुख, समृद्धि की प्राप्ति होती है. मान्यता के अनुसार, माघ मास के गुरु प्रदोष व्रत का महत्व और महिमा बहुत खास है. इस लेख में हम आपको बताएंगे गुरु प्रदोष व्रत का शुभ मुहूर्त और पूजा विधि के बारे में.

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माघ प्रदोष व्रत 2023 मुहूर्त ( Guru Pradosh Vrat 2023 Shubh Muhurat)

हिंदू पंचांग के अनुसार, माघ माह के शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि 2 फरवरी 2023 को पड़ रही है. इस दिन गुरु प्रदोष व्रत है.
माघ, शुक्ल त्रयोदशी प्रारम्भ – 04:41 पी एम, फरवरी 02
माघ, शुक्ल त्रयोदशी समाप्त – 07:12 पी एम, फरवरी 03
प्रदोष काल- 05:49 पी एम से 08:27 पी एम

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प्रदोष काल (Pradosh Kaal)

इस व्रत में प्रदोष काल में ही पूजा-अर्चना का अधिक महत्व होता है. प्रदोष काल में संध्या के वक्त सूर्यास्त से लगभग 45 मिनट पहले शुरू हो जाता है. ऐसा कहा जाता है कि प्रदोष काल में भगवान शंकर की पूजा-अर्चना करने से शुभ फल की प्राप्ति है.

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प्रदोष व्रत पूजा विधि इन हिंदी (Pradosh Vrat Puja Vidhi in Hindi)

प्रदोष व्रत के दिन ब्रह्म मुहूर्त में उठकर स्नान करें और साफ वस्त्र धारण करें. इसके बाद भगवान शिव की उपासना करें. इस दिन प्रदोष काल में पूजा-अर्चना का विशेष महत्व बताया गया है. इसलिए प्रदोष काल में पूजा शुरू करने से पहले एक बार फिर स्नान अवश्य करें. भगवान शिव को भोग लगाएं. इस बात का ध्यान रखें भगवान को सिर्फ सात्विक चीजों का भोग लगाया जाता है. शुभ मुहूर्त में भगवान शिव का पूजन करें और कथा का पाठ करें. इस दिन भगवान का अधिक से अधिक ध्यान करें.

Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ओपोई इसकी पुष्टि नहीं करता है.

 

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