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Ganesh Visarjan 2023: क्यों किया जाता है भगवान गणेश का विसर्जन, जानिए इससे जुड़ी मान्यताएं

इन दिनों पूरे देश में गणेश उत्सव की धूम है. (फोटो साभार: Twitter/@NiteshNRane)

19 सितबंर 2023 से गणेश चतुर्थी प्रारंभ हो रही है. गणेश चतुर्थी में देशभर में महोत्सव मनाया जाता है. इस खास पर्व को हर साल भाद्रपद माह में मनाते हैं.

Written by:Gautam Kumar
Published: September 20, 2023 11:03:17 New Delhi

Ganesh Visarjan 2023: हिंदू धर्म में गणेश पूजा का विशेष महत्व है. किसी भी शुभ कार्य से पहले भगवान गणेश की पूजा करने की परंपरा है. मान्यता है कि इससे सभी काम निर्विघ्न संपन्न होते हैं. भगवान गणेश को बुद्धि प्रदाता कहा जाता है. भगवान गणेश का जन्म भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को हुआ था. इसलिए इस दिन को देशभर में गणेश चतुर्थी के रूप में मनाया जाता है. इस साल गणेश चतुर्थी 19 सितंबर 2023 से शुरू हो गई है.

गणेश चतुर्थी से 10 दिनों तक बप्पा को घर में रखा जाता है. पूरी श्रद्धा से उनकी पूजा की जाती है. कुछ लोग अपनी श्रद्धा के अनुसार डेढ़ दिन, तीन, पांच या 10 दिन के लिए बप्पा की स्थापना करते हैं. आपको बता दें कि बप्पा का विसर्जन एक निश्चित समय पर किया जाता है. शास्त्रों के अनुसार अनंत चतुर्दशी के दिन गणेश विसर्जन किया जाता है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि बप्पा का विसर्जन क्यों किया जाता है? जानिए इसके पीछे की पौराणिक कथा के बारे में.

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इसलिए बप्पा को किया जाता है विराजमान (Ganesh Visarjan 2023)

देशभर में गणेश उत्सव बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है. घर पर बप्पा के आगमन को लेकर हर कोई उत्साहित रहता है. 10 दिनों तक बप्पा को पूरे विधि-विधान के साथ घर में स्थापित किया जाता है और उनकी खूब सेवा की जाती है. ऐसे में अगर उन्हें उनकी पसंदीदा चीजें अर्पित की जाएं तो वे जल्द ही भक्तों पर प्रसन्न हो जाते हैं. 10 दिनों के बाद गणपति को जल में विसर्जित कर दिया जाता है. ऐसा माना जाता है कि इन 10 दिनों तक घर पर रहने से भगवान गणेश अपने भक्तों के सभी दुखों को दूर करते हैं और उन्हें सुखी जीवन का आशीर्वाद देते हैं.

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इसलिए किया जाता है गणपति का विसर्जन

अनंत चतुर्दशी के दिन गणपति को जल में विसर्जित किया जाता है. पौराणिक कथा के अनुसार, वेद व्यास जी ने महाभारत ग्रंथ लिखने के लिए भगवान गणेश को चुना था. वेद व्यास जी कथा सुनाते हैं और गणेश जी लिखते हैं. कथा सुनाते समय वेद व्यास जी अपनी आंखें बंद कर लेते हैं और लगातार 10 दिनों तक कथा सुनाते रहते हैं. गणेश जी उन कहानियों को लगातार लिखते रहते हैं. इससे भगवान गणेश के शरीर का तापमान बहुत बढ़ जाता है. फिर वेद व्यास जी भगवान गणेश को तालाब में स्नान कराते हैं. तभी से गणेश विसर्जन की प्रथा शुरू हुई.

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ओपोई इसकी पुष्टि नहीं करता है.)

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