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3 years ago .Tokyo, Japan

भारत का पैरालंपिक इतिहास: जानें अब तक कैसा रहा है भारतीय एथलीट्स का प्रदर्शन

24 अगस्त से टोक्यो पैरालंपिक खेलों की शुरुआत होने जा रही है. ये 6 सितंबर तक चलेगा. टोक्‍यो पैरालंपिक के लिए भारत ने अबतक के अपने इतिहास में सर्वाधिक एथलीट्स भेजे हैं. इस बार कुल 54 भारतीय ए‍थलीट पैरालंपिक में हिस्‍सा लेंगे.

Written by:Akashdeep
Published: August 24, 2021 02:07:02 Tokyo, Japan

भारत ने 2016 में रियो डी जनेरियो में पहली बार पैरालंपिक खेलों(Paralympic Games) के एक एडिशन में एक से अधिक गोल्ड मेडल जीतने का कारनामा किया था. साथ ही साथ भारत के पैरालंपिक गोल्ड मेडल की संख्या को दोगुना भी किया. 

भारत का अब तक का प्रदर्शन 

भारत ने पैरालंपिक खेलों में अब तक कुल 4 गोल्ड, 4 सिल्वर और 4 ब्रॉन्ज मेडल जीते हैं. सभी देशों में ये चौथा बेस्ट प्रदर्शन है. भारत ने 1972 में एक गोल्ड, 1984 में दो सिल्वर और दो ब्रॉन्ज, 2004 में एक गोल्ड और एक ब्रॉन्ज, 2012 में एक सिल्वर और 2016 में दो गोल्ड, एक सिल्वर और एक ब्रॉन्ज मेडल जीता था. 

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देवेंद्र झाझरिया दो गोल्ड जीतने वाले इकलौते भारतीय 

देवेंद्र झाझरिया (Devendra Jhajharia), रियो डी जनेरियो में भारत के गोल्ड मेडल विजेताओं में से एक थे, जिन्होंने पैरालंपिक खेलों में अपना दूसरा गोल्ड मेडल जीता. जैवलिन थ्रोअर झाझरिया देश के लिए दो गोल्ड मेडल जीतने वाले इकलौते पैरालंपिक एथलीट हैं. रियो डी जनेरियो में उनका गोल्ड टी46 केटेगरी में आया था, जबकि उन्होंने 12 साल पहले एथेंस 2004 में टी44/46 केटेगरी में अपना पहला गोल्ड मेडल जीता था.

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मरियप्पन थंगावेलु ने 2016 में दिलाया था दूसरा गोल्ड 

मरियप्पन थंगावेलु (Mariyappan Thangavelu) ने 2016 के खेलों में टी42 ऊंची कूद (high jump) में गोल्ड मेडल जीता था. इसके अलावा रियो 2016 में दीपा मलिक (Deepa Malik) F53 शॉट पुट (shot put) में रजत जीतकर पोडियम पर पहुंचने वाली भारत की पहली महिला एथलीट बनी थीं.

पैरालंपिक खेलों में अन्य उल्लेखनीय भारतीय एथलीटों में मुरलीकांत पेटकर (Murlikant Petkar) का नाम शामिल है, जिन्होंने 1972 में पुरुषों की 50 मीटर फ्रीस्टाइल 3 तैराकी में गोल्ड मेडल जीता था. इसके अलावा जोगिंदर सिंह बेदी ने 1984 के खेलों में एथलेटिक्स में तीन पदक (एक रजत, दो कांस्य) जीते थे. 1984 खेलों में ही एक अन्य भारतीय भीमराव केसरकर ने जैवलिन में रजत पदक जीता था.

बाएं पैर में विकलांगता के साथ पैदा हुए भारतीय एथलीट एच एन गिरिशा (H. N. Girisha)  ने 2012 में लंदन में आयोजित पैरालंपिक खेलों में पुरुषों की ऊंची कूद एफ-42 श्रेणी में रजत पदक जीता था.

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2020 में भारत ने भेजा सबसे बड़ा दल 

24 अगस्त से टोक्यो पैरालंपिक खेलों की शुरुआत होने जा रही है. ये 6 सितंबर तक चलेगा. टोक्‍यो पैरालंपिक के लिए भारत ने अबतक के अपने इतिहास में सर्वाधिक एथलीट्स भेजे हैं. इस बार कुल 54 भारतीय ए‍थलीट पैरालंपिक में हिस्‍सा लेंगे. रियो पैरालंपिक 2016 में भारत ने चार पदक अपने नाम किए थे. इस बार भारत से कम से कम 10 पदक की उम्‍मीद की जा रही है.

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