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1 year ago .New Delhi, Delhi, India

Swami Vivekananda Speech and Essay: स्वामी विवेकानंद जयंती पर ऐसे लिखें निबंध, हर कोई करेगा आपकी वाह-वाही!

  • स्वामी विवेकानंद का जन्म कलकत्ता में शिमला पल्लै में हुआ था
  • स्वामी विवेकानंद के पिता कलकत्ता उच्च न्यायालय में वकालत करते थे
  • स्वामी विवेकानंद के गुरू का नाम श्री रामकृष्ण परमहंस था

Written by:Ashis
Published: January 10, 2023 11:58:53 New Delhi, Delhi, India

Essay On Swami Vivekanand Jayanti In Hindi: प्रतिवर्ष 12 जनवरी के दिन को स्वामी विवेकानंद के जन्मदिन, जयंती और राष्ट्रीय युवा दिवस के रूप में मनाया जाता है. इस दिन को बहुत सारे विद्यालयों एवं संस्थानों में बड़े ही उत्साह के साथ सेलीब्रेट किया जाता है. इस दिन विद्यालयों और संस्थानों में कई तरह के कार्यक्रमों का भी आयोजन किए जाते हैं. जहां पर बच्चों के साथ साथ बड़े लोग भी कार्यक्रम में सम्मिलित होते हैं. ऐसे में आज हम आपको स्वामी विवेकानंद जयंती के अवसर पर निबंध के बारे में जानकारी देने वाले हैं.

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स्वामी विवेकानंद जयंती पर निबंध 

स्वामी विवेकानंद का जन्म कलकत्ता में शिमला पल्लै में 12 जनवरी 1863 को हुआ था. उनके पिता का नाम विश्वनाथ दत्त था जोकि कलकत्ता उच्च न्यायालय में वकालत का कार्य करत थे और माता का नाम भुवनेश्वरी देवी था. स्वामी विवेकानंद श्री रामकृष्ण परमहंस के मुख्य अनुयायियों में से एक थे. इनका जन्म से नाम नरेन्द्र दत्त था, जो बाद में रामकृष्ण मिशन के संस्थापक बने.

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वह भारतीय मूल के व्यक्ति थे, जिन्होंने वेदांत के हिन्दू दर्शन और योग को यूरोप व अमेरिका में परिचित कराया. उन्होंने आधुनिक भारत में हिन्दू धर्म को पुनर्जीवित किया. उनके प्रेरणादायक भाषणों का अभी भी देश के युवाओं द्वारा अनुसरण किया जाता है. उन्होंने 1893 में शिकागो की विश्व धर्म महासभा में हिन्दू धर्म को परिचित कराया था.

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स्वामी विवेकानंद अपने पिता के तर्कपूर्ण मस्तिष्क और माता के धार्मिक स्वभाव से प्रभावित थे. उन्होंने अपनी माता से आत्मनियंत्रण सीखा और बाद में ध्यान में विशेषज्ञ बन गए. उनका आत्म नियंत्रण वास्तव में आश्चर्यजनक था, जिसका प्रयोग करके वह आसानी से समाधी की स्थिति में प्रवेश कर सकते थे. उन्होंने युवा अवस्था में ही उल्लेखनीय नेतृत्व की गुणवत्ता का विकास किया.

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वह भारतीय मूल के व्यक्ति थे, जिन्होंने वेदांत के हिन्दू दर्शन और योग को यूरोप व अमेरिका में परिचित कराया. उन्होंने आधुनिक भारत में हिन्दू धर्म को पुनर्जीवित किया. उनके प्रेरणादायक भाषणों का अभी भी देश के युवाओं द्वारा अनुसरण किया जाता है. उन्होंने 1893 में शिकागो की विश्व धर्म महासभा में हिन्दू धर्म को परिचित कराया था.

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वह युवा अवस्था में ब्रह्मसमाज से परिचित होने के बाद श्री रामकृष्ण के सम्पर्क में आए. वह अपने साधु-भाईयों के साथ बोरानगर मठ में रहने लगे. अपने बाद के जीवन में, उन्होंने भारत भ्रमण का निर्णय लिया और जगह-जगह घूमना शुरु कर दिया और त्रिरुवंतपुरम् पहुंच गए, जहाँ उन्होंने शिकागो धर्म सम्मेलन में भाग लेने का निर्णय किया.

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कई स्थानों पर अपने प्रभावी भाषणों और व्याख्यानों को देने के बाद वह पूरे विश्व में लोकप्रिय हो गए. उनकी मृत्यु 4 जुलाई 1902 को हुई थी ऐसा माना जाता है कि, वह ध्यान करने के लिए अपने कक्ष में गए और किसी को भी व्यवधान न उत्पन्न करने के लिए कहा और ध्यान के दौरान ही उनकी मृत्यु हो गई.

निष्कर्ष

स्वामी विवेकानंद ने अपने भाषणों द्वारा पूरे विश्व भर में भारत तथा हिंदु धर्म का नाम रोशन किया. वह एक ऐसे व्यक्ति थे, जिनके जीवन से हम सदैव कुछ ना कुछ सीख ही सकते हैं. यहीं कारण है कि आज भी युवाओं में इतने लोकप्रिय बने हुए हैं.

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