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1 year ago .New Delhi

Essay on International Women’s Day: अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर ऐसे लिखें निबंध, पढ़ने वाला हो जाएगा इम्प्रेस!

हर साल 8 मार्च को अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस मनाया जाता है.(फोटो साभार:Freepik)

  • हर साल 8 मार्च को अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस मनाया जाता है.

  • अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पूरी तरह से महिलाओं को समर्पित है

  • महिलाओं के बिना जीवन की परिकल्पना भी नहीं की जा सकती है.


Written by:Ashis
Published: March 02, 2023 10:00:20 New Delhi

Essay on International Women’s Day in Hindi: हर साल 8 मार्च को अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के रूप में मनाया जाता है. 8 मार्च का दिन अंतरराष्ट्रीय क्रियाशील महिला दिवस या महिलाओं के अधिकार और अंतरराष्ट्रीय शांति के लिये संयुक्त बुतपरस्त दिवस भी कहा जाता है, जो समाज में महिलाओं के योगदान और उपलब्धियों पर ध्यान केन्द्रित करने के लिये देश के विभिन्न क्षेत्रों में तथा पूरे विश्व भर में अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस मनाया जाता है. सामान्यत: इसे महिला को सम्मान देने, उनके कार्यों की सराहना करके और उनके लिये प्यार व सम्मान जताने के लिये मनाया जाता है. इस दिन विभिन्न संस्थानों, स्कूल, कॉलेजों में कई तरह के प्रोग्राम भी रखे जाते हैं. ऐसे में हम आज अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के ऊपर विशेष निबंध लेकर आए हैं.

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गौरतलब है कि धरती पर महिलाओं के बिना जीवन की परिकल्पना भी नहीं की जा सकती है. महिलाएं हमारे जीवन का महत्वपूर्ण अंग हैं. महिलाओं को अगर शक्तिपुंज कहा जाए, तो यह गलत नहीं होगा. आपको बता दें कि  इसी नारी का हजारों वर्षो से शोषण होता आया है, कभी आडंबरों के माध्यम से, तो कभी परिवार के सम्मान के लिए, इसी नारी को सम्मान देने तथा उनकी उपलब्धियों का गुणगान करने तथा उनके समर्पण को मुल्य प्रदान करने के लिए प्रत्येक वर्ष 8 मार्च को अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस (International Women’s Day) मनाया जाता है.

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अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस (International Women’s Day) की शुरुआत आज से लगभग एक सदी पूर्व एक समाजवादी आंदोलन के माध्यम से हुई थी, जो कि एक श्रम आंदोलन से उपजा था. इसके बाद संयुक्त राष्ट्र ने अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस को वार्षिक रूप से मनाने की मान्यता दी थी.

अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस की शुरुआत साल 1908 में हुई थी, जब न्यूयॉर्क शहर की सड़कों पर हजारों महिलाएं घंटों काम के लिए बेहतर वेतन और सम्मान तथा समानता के अधिकार को प्राप्त करने के लिए उतरी थी. अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मनाने का प्रस्ताव क्लारा जेटकिन का था, उन्होंने साल 1910 में यह प्रस्ताव रखा था. पहला अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस साल 1911 में ऑस्ट्रिया, डेनमार्क, जर्मनी और स्विट्ज़रलैंड में मनाया गया था.

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आज के परिप्रेक्ष्य में अगर हम विचार करें, तो हम पाते हैं कि आज की तारीख में महिलाएं पुरुषों से कई मामले में काफी अच्छा प्रदर्शन कर रही हैं व इसके साथ साथ नए नए कीर्तिमान गढ़ रही हैं. महिलाओं को जब-जब अवसर दिया गया, तब-तब उन्होंने पूरे विश्व को बता दिया कि वह पुरुष के बराबर ही नहीं, बल्कि कई मौकों पर वे उनसे कई गुना बेहतर साबित हुई हैं. अब वह समय नहीं रहा जब महिलाएं घर की चार-दिवारी में बंद की जाती थी. अब महिलाएं हर क्षेत्र में अपनी प्रतिभा का बेहतर प्रदर्शन कर रही हैं और अपनी शक्तियों का लोहा मनवा रही हैं.

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आपको बता दें कि भारत में महिलाओं के उत्थान के लिए भरसक प्रयास किए जा रहे हैं, परंतु इसकी शुरुआत राजा राम मोहन राय ने की थी. उन्हें भारतीय पुनर्जागरण का अग्रदूत भी माना जाता है. उन्होंने भारतीय समाज से सती प्रथा जैसी कुप्रथाओं को समाप्त करने का प्रयास किया। वर्त्तमान समय में भारत सरकार महिलाओं की स्थिति को सुधारने का प्रयास कर रही है. जिसके फलस्वरूप महिलाएं हर क्षेत्र में जबरदस्त परफॉर्म कर रही हैं और इसके साथ ही न सिर्फ अपने मां बाप का बल्कि अपने देश का नाम भी रोशन कर रही हैं. अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर हमें अपने आप से यह वादा करना है कि किसी भी महिला के हकों का हनन न हो पाए और उन्हें स्वतंत्र रूप से अपनी शक्ति व समर्थ को दिखाने का मौका मिले. तभी अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस को मनाने का उद्देश्य सार्थक होगा.

 

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