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2 years ago .Jammu and Kashmir

अमरनाथ यात्रा इस दिन से होगी शुरू, जाने से पहले यहां देखें रूट

  • बाबा अमरनाथ धाम की यात्रा 30 जून से होगी शुरू.
  • सभी श्रद्धालुओं को कोरोना प्रोटोकॉल का पालन करना होगा.
  • यहां जानें अमरनाथ धाम की शिवलिंग की खासियत और यात्रा का रूट.

Written by:Kaushik
Published: June 24, 2022 07:07:48 Jammu and Kashmir

कोरोना वायरस की वजह से 2 साल बाद अमरनाथ यात्रा (Amarnath Yatra 2022) की एक बार फिर शुरू होने जा रही है. यह यात्रा 30 जून से शुरू होगी और 11 अगस्‍त तक चलेगी. यात्रियों की सुरक्षा और सुविधाओं के लिए अमरनाथ श्राइन बोर्ड ने इस बार पुख्‍ता प्रबंध किए हैं.

बाबा बर्फानी के नाम से फेमस अमरनाथ धाम का इतिहास वर्षों पुराना है. हिंदू धर्म की मान्यताओं के मुताबिक, भगवान शिव ने माता पार्वती को अमरनाथ गुफा में ही अमर होने का रहस्य बताया था. बाबा अमरनाथ धाम के दर्शन करने के लिए प्रत्येक वर्ष श्रद्धालु दूर-दूर से यहां आते हैं.

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इस बार यात्रा 30 जून 2022 से शुरू होगी और रक्षाबंधन तक जारी रहेगी. ये यात्रा कुल 43 दिनों की होगी. यात्रा के दौरान सभी श्रद्धालुओं को कोरोना प्रोटोकॉल का पालन करना होगा.अमरनाथ यात्रा करने के लिए आपकी उम्र 13 साल से 75 साल के बीच होनी चाहिए. यदि कोई महिला 6 महीने से अधिक गर्भवती है. तो वह अमरनाथ यात्रा नहीं कर सकेंगी.

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अमरनाथ के शिवलिंग की खासियत

आपकी जानकारी के लिए बता दें कि बाबा अमरनाथ की गुफा समुद्र तल से करीब 3,800 मीटर ऊंचाई पर स्थित है. गुफा में स्थित शिवलिंग की खास बात हम आपको बता देते हैं कि ये खुद-ब-खुद बनता है. कहा जाता है कि चंद्रमा के बढ़ने और घटने के साथ इसके शिवलिंग के आकार में बदलाव देखने को मिलता है. अमरनाथ का शिवलिंग ठोस बर्फ से निर्मित होता है. शिवलिंग जिस गुफा में स्थित है. वहां बर्फ हिमकण के रूप में होती है.

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अमरनाथ धाम का रूट

अगर आप भी अमरनाथ यात्रा पर जाने की प्लानिंग कर रहे हैं. तो इससे पहले हम आपको बता दें कि यह यात्रा दो प्रमुख रास्तों से की जाती है. इसका पहला रास्ता पहलगाम से बनता है और दूसरा सोनमर्ग बालटाल से. भक्तों को यह रूट पैदल ही पार करना पड़ता है. पहलगाम से अमरनाथ की दूरी लगभग 28 किलोमीटर है. ये मार्ग सुविधाजनक और थोड़ा आसान है, जबकि बालटाल से अमरनाथ की दूरी तकरीबन 14 किलोमीटर है. लेकिन यह रूट पहलगाम से अमरनाथ मार्ग की तुलना में कठिन है.

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श्री अमरनाथ गुफा का दर्शन करते हैं श्रद्धालु

श्री अमरनाथ गुफा कश्मीर घाटी के अनंतनाग जिले में हैं. ऐसी मान्यता है कि वहां पर भगवान शिव ने माता पार्वती को अमर होने की रहस्य कथा सुनाई थी, जिसे वहां गुफा में मौजूद दो कबूतरों ने सुन लिया था. बर्फ से लदी पहाड़ों की चोटी पर बनी एक गुफा में हर साल प्राकृतिक रूप से शिवलिंग बनता है जिसके दर्शन के लिए लाखों लोग आते हैं.

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