किसान 21 दिसंबर को करेंगे भूख हड़ताल, 25-27 दिसंबर को रोकेंगे हरियाणा में टोल वसूली
केंद्र के नए कृषि कानूनों के विरोध में अपने आंदोलन को तेज करते हुए किसानों ने रविवार को घोषणा की कि वे यहां सभी प्रदर्शन स्थलों पर सोमवार को एक दिन की क्रमिक भूख हड़ताल करेंगे तथा 25 से 27 दिसंबर तक हरियाणा में सभी राजमार्गों पर टोल वसूली नहीं करने देंगे.
दिल्ली की विभिन्न सीमाओं पर हजारों की संख्या में किसान बीते करीब चार हफ्ते से प्रदर्शन कर रहे हैं और नए कृषि कानूनों को रद्द करने की मांग कर रहे हैं.
स्वराज इंडिया के प्रमुख योगेंद्र यादव ने सिंघू बॉर्डर पर संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘‘सोमवार को किसान नए कृषि कानूनों के खिलाफ सभी प्रदर्शन स्थलों पर एक दिन की क्रमिक भूख हड़ताल करेंगे. इसकी शुरुआत सिंघू बॉर्डर समेत यहां प्रदर्शन स्थलों पर 11 सदस्यों का एक दल करेगा.’’
उन्होंने कहा, ‘‘हम देशभर में सभी प्रदर्शन स्थलों पर मौजूद सभी लोगों से इसमें भाग लेने की अपील करते हैं.’’
यादव ने कहा, ‘‘प्रदर्शनकारियों को हरियाणा सरकार द्वारा धमकाया जा रहा है. यह सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के विरुद्ध है. मैं उनसे अनुरोध करता हूं कि कल से किसानों को परेशान करना बंद किया जाए.’’
सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को कहा था कि किसान आंदोलन को ‘बिना अवरोध के’ चलने देना चाहिए और यह अदालत इसमें दखल नहीं देगी क्योंकि प्रदर्शन का अधिकार मौलिक अधिकार है.
किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाला ने बताया कि किसान 25 से 27 दिसंबर तक हरियाणा में सभी राजमार्गों पर टोल वसूली नहीं करने देंगे.
भारतीय किसान यूनियन (BKU) के नेता ने संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘‘25 से 27 तक हरियाणा में सभी टोल बूथ पर हम टोल वसूली नहीं होने देंगे, हम उन्हें ऐसा करने से रोकेंगे. 27 दिसंबर को हमारे प्रधानमंत्री अपने ‘मन की बात’ करेंगे और हम लोगों से अपील करना चाहते हैं कि उनके भाषण के दौरान ‘थालियां’ पीटें.’’
संवाददाता सम्मेलन में किसान नेता और भाकियू के वरिष्ठ सदस्य राकेश टिकैत ने कहा कि नए कृषि कानूनों का विरोध कर रहे किसान 23 दिसंबर को किसान दिवस मनाएंगे. उन्होंने कहा, ‘‘हम लोगों से अनुरोध करते हैं कि इस दिन वे दोपहर का भोजन न पकाएं’’.
प्रदर्शनकारी किसानों ने इससे पहले आज दिन में आंदोलन के दौरान जान गंवाने वाले किसानों को श्रद्धांजलि दी और उनकी स्मृति में मोमबत्तियां भी जलाईं.
ऑल इंडिया किसान संघर्ष समन्वय समिति (एआईकेएससीसी) ने अनेक व्यापारी संगठनों को पत्र लिखकर उनसे किसानों के आंदोलन को समर्थन देने का अनुरोध किया है.
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