Home > किसान नेता बोले- गलतफहमी में हैं सरकार, कृषि बिल की तरह MSP को लेकर भी विधेयक लाए
opoyicentral
Opoyi Central

4 years ago .New Delhi, Delhi, India

किसान नेता बोले- गलतफहमी में हैं सरकार, कृषि बिल की तरह MSP को लेकर भी विधेयक लाए

किसान नेताओं ने कहा सरकार ने जो प्रस्ताव भेजा उसमें बिल वापसी की बात नहीं है. सरकार की मंशा सही नहीं है वह गलतफहमी में है की आंदोलन कमजोड़ पड़ जाएगा.

Written by:Sandip
Published: December 10, 2020 06:26:52 New Delhi, Delhi, India

सिंघु बॉर्डर पर किसान संगठनों ने बैठक के बाद केंद्र सरकार की तरफ से भेजे गए प्रस्ताव को खारिज कर दिया है. इसके साथ ही किसान नेताओं ने आंदोलन को और तेज करने की घोषणा की है. सरकार के प्रस्ताव को खारिज करने के बाद किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा कृषि बिल को वापस लेना होगा या फिर सरकार MSP को लेकर भी विधेयक लाए.

राकेश टिकैत ने कहा, जो प्रस्ताव आया है उसमें बिल वापसी की बात नहीं है. सरकार संशोधन चाहती है. संशोधन के लिए किसान तैयार नहीं है. हम चाहते है पूरा बिल वापस हो. बिल वापसी के अलावा कोई रास्ता निकलता नज़र नहीं आ रहा है. सरकार तीन कृषि बिल लाई है उसी तरह से MSP को लेकर भी बिल लाए.

केंद्रीय मंत्री का दावा- ‘किसान आंदोलन के पीछे चीन और पाकिस्तान का हाथ’, CAA-NRC के लिए कही ये बात

वहीं किसान नेता मंजीत सिंह ने कहा, सिंघु बॉर्डर पर किसान प्रदर्शनकारी डटे हुए हैं. “सरकार की मंशा ठीक नहीं है. सरकार चाहती है यह आंदोलन लंबा चले और कमजोर पड़ जाए. सरकार गलतफहमी में है. हमारा आंदोलन बढ़ रहा है. यहां से 5,000 लोग जाते हैं लेकिन 20,000 लोग आते भी हैं. सरकार पर दबाव बढ़ रहा है.

नये कृषि कानूनों पर केंद्रीय गृह मंत्री के, किसानों के 13 प्रतिनिधियों से मुलाकात करने के एक दिन बाद बुधवार को केंद्र की तरफ से किसानों को प्रस्ताव भेजा गया था. प्रस्ताव में सरकार ने कहा था कि वह वर्तमान में लागू न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की व्यवस्था को जारी रखने के लिए ‘‘लिखित में आश्वासन’’ देने को तैयार है.

भारत में हो रहे किसान आंदोलन के मुद्दे पर Britain के PM जॉनसन ने दिया ऐसा जवाब, सभी रह गए अचंभित

किसान नेता दर्शन पाल ने कहा कि किसानों ने कानून में प्रस्तावित संशोधन को खारिज कर दिया है क्योंकि वे कानूनों को निरस्त किये जाने से कम कुछ नहीं चाहते.

उन्होंने कहा कि नए मसौदा में कुछ भी नया नहीं है, जो केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर किसान नेताओं के साथ अपनी पूर्व की बैठकों में नहीं कहा हो. उन्होंने कहा कि प्रदर्शनकारी किसान 14 दिसंबर को राष्ट्रीय राजधानी के सभी राजमार्गों को बंद करेंगे और जिला मुख्यालयों के साथ ही भाजपा के जिला कार्यालयों का भी घेराव करेंगे.

Related Articles

ADVERTISEMENT

© Copyright 2023 Opoyi Private Limited. All rights reserved