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4 years ago .New Delhi, Delhi, India

भारत-चीन सीमा विवाद पर बोले विदेश मंत्री जयशंकर, ‘कूटनीतिक दायरे में निकालना होगा समाधान’

विदेश मंत्री ने कहा भारत-चीन सीमा विवाद का समाधान कूटनीतिक दायरे में निकालना होगा. क्योंकि ये दुनिया के लिए मायने रखता है.

Written by:Sandip
Published: September 04, 2020 03:53:55 New Delhi, Delhi, India

विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा है कि हम ‘‘पूरी तरह से सहमत’’ है कि भारत-चीन सीमा विवाद का समाधान कूटनीतिक दायरे में निकालना होगा. जयशंकर ने कहा कि दोनों देशों के लिए एक ‘‘समझौते’’ पर पहुंचना महत्वपूर्ण है और यह केवल उनके लिए अहम नहीं है बल्कि दुनिया के लिए भी यह मायने रखता है.

विदेश मंत्री ने अपनी पुस्तक के विमोचन के मौके पर एक ऑनलाइन कार्यक्रम में कहा, ‘‘मुझे यह भी जानकारी है कि आपके पास वहीं स्थिति है जो हमारे पास पश्चिमी क्षेत्र (लद्दाख के पार) के सीमा क्षेत्रों में है. क्योंकि हमारा लंबे समय से दृष्टिकोण रहा हैं, वहां हमारी स्थिति बहुत स्पष्ट है- हमारी चीन के साथ सहमति और समझ हैं. दोनों पक्षों द्वारा किए गए समझौतों और समझ को बारीकी से देखा जाना चाहिए.’’

उन्होंने कहा, ‘‘वास्तविकता यह है कि सीमा पर जो होता है वह संबंध को प्रभावित करेगा, आप इसे अलग नहीं कर सकते.’’

उन्होंने कहा, ‘‘मैंने कुछ दिनों पहले एक अन्य संदर्भ में यह बात कही थी, मैं यह कहना चाहूंगा कि मैं पूरी तरह से आश्वस्त हूं कि स्थिति का समाधान कूटनीति के दायरे में ढूंढना होगा और मैं यह जिम्मेदारी के साथ कहता हूं.’’

जयशंकर ने कहा कि भारत-चीन संबंध के लिए यह आसान समय नहीं है. उन्होंने कहा कि उन्होंने 15 जून को गलवान घाटी में हुई झड़पों से पहले पुस्तक ‘द इंडिया वे:स्ट्रैटेजीस फॉर एन अनसर्टेन वर्ल्ड’ लिखी थी.

गौरतलब है कि गलवान घाटी में भारत और चीन के सैनिकों के बीच हुई झड़पों में 20 भारतीय सैन्यकर्मी शहीद हो गये थे.

उन्होंने कहा कि भारत और चीन दो सभ्य देश हैं जो चौथी औद्योगिक क्रांति में प्रवेश करने जा रहे हैं.

ब्राजील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका (ब्रिक्स) के विदेश मंत्रियों की ऑनलाइन बैठक, शंघाई सहयोग संगठन की बैठक और क्वाड समूह की प्रस्तावित बैठक के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि क्वाड बैठक पर चर्चा चल रही है और अभी इस पर निर्णय नहीं लिया गया है कि वह कब और कहां आयोजित की जायेगी.

जब उनसे पूछा गया कि वह इन बैठकों में से किसी में अपने चीनी समकक्ष से मिलेंगे तो वह उनसे क्या कहेंगे, तो जयशंकर ने कहा, ‘‘जब मैं उनसे मिलूंगा तो मैं अपने चीनी सहयोगी से बात करूंगा. हम एक-दूसरे को लंबे समय से जानते हैं इसलिए आप एक उचित अनुमान लगा सकते हैं.’’

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