Pervez Musharraf : पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति जनरल परवेज मुशर्रफ (Pervez Musharraf) निधन हो गया. मिली जानकारी के अनुसार, परवेज मुशर्रफ का संयुक्त अरब अमीरात के अमेरिकी हॉस्पिटल में इलाज चल रहा था. वे माइलॉइडोसिस बीमारी से जूझ रहे थे. परवेज मुशर्रफ की पाकिस्तान की राजनीति में महत्वपूर्ण निभाई थी. वे पाकिस्तान के राष्ट्रपति और सेना प्रमुख रह चुके थे. उनका जन्म 11 अगस्त 1943 में नई दिल्ली के दरियागंज में हुआ था. उनकी फैमिली ने वर्ष 1947 में पाकिस्तान जाने का निर्णय किया. विभाजन के कुछ दिन पूर्व उनका पूरा परिवार पाकिस्तान पहुंचा. उनके पिता सईद ने नए पाकिस्तान सरकार के लिए काम करना शुरू किया और विदेश मंत्रालय के साथ जुड़े.आइये हम आपको बताएंगे परवेज मुशर्रफ के बारे में विस्तार से.
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Pervez Musharraf की शिक्षा
मुशर्रफ अपने युवा काल में प्लेयर भी रहे थे. उन्होंने स्कूली शिक्षा कराची के सेंट पैट्रिक स्कूल से की और कॉलेज की पढ़ाई लहौर के फॉरमैन क्रिशचन कॉलेज से पूरी की.
जनरल से असैनिक राष्ट्रपति का सफर
1998 में मुशर्रफ को जनरल का ओहदा मिला था और वे सैन्य प्रमुख बन गए. इसके बाद उन्होंने 1999 तत्कालीन प्रधानमंत्री नवाज शरीफ़ को पद से हटा कर सत्ता हथिया ली. फिर 2002 में बाकायदा आम चुनावों में वे बहुमत से जीत हासिल की. वे एक बार फिर से 2007 में राष्ट्रपति चुनाव जीते. इसके बाद 3 नवंबर 2007 को मुशर्रफ ने पाकिस्तान में आपातकाल लागू कर दिया. आपकी जानकारी के लिए बता दें कि पाकिस्तान की नई गठबंधन सरकार ने 7 अगस्त 2008 को परवेज मुशर्रफ पर महाभियोग चलाने का निर्णय किया.
इस्तीफे की घोषणा
बलूचिस्तान और पंजाब समेत चार प्रांतीय संसदों ने बहुमत से एक प्रस्ताव पारित किया था. प्रस्ताव में यह था या तो मुशर्रफ जाएं या फिर महाभियोग का सामना करें. उनपर इस्तीफा देने का दबाव लगातार बढ़ता जा रहा था. इसके बाद मुशर्रफ ने राष्ट्रपति पद से 18 अगस्त 2008 को इस्तीफ़ा देने का ऐलान किया.
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कैसी है मुशर्रफ की आत्मकथा?
साल 2006 में परवेज मुशर्रफ की आत्मकथा ‘इन द लाइन ऑफ फायर-अ मेमॉयर’ लॉन्च हुई. इस किताब में उनके विमोचन से पहले की भी चर्चा लिखी गई. इस किताब के लोकप्रिय होने का कारण मुशर्रफ के कई विवाद भी रहे हैं. जिसमें कारगिल संघर्ष और पाकिस्तान में हुए सैन्य तख्तापलट जैसी घटनाओं के बारे में विस्तार से लिखा गया है.