रानिल विक्रमसिंघे (Ranil Wickremesinghe) श्रीलंका के राजनेता हैं. वह 20 जुलाई 2022 को श्रीलंका के राष्ट्रपति चुने गए. वह यूनाइटेड नेशनल पार्टी (UNP) से संसद के सदस्य हैं. वह 1994 से यूएनपी के नेता रहे हैं. इससे पहले उन्होंने 1993 से 1994, 2001 से 2004, 2015 से 2018 और 2018 से 2019 तक श्रीलंका के प्रधानमंत्री के रूप में कार्य किया. उन्होंने 1994 से 2001 और 2004 से 2015 तक विपक्ष के नेता के रूप में भी कार्य किया. 

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श्रीलंका के कोलंबो में एक धनी राजनीतिक परिवार में जन्मे रानिल विक्रमसिंघे ने सीलोन विश्वविद्यालय से ग्रेजुएशन किया और 1972 में सीलोन लॉ कॉलेज से एक वकील के रूप में योग्यता प्राप्त की. उनके पिता एस्मॉन्ड विक्रमसिंघे पेशे से एक वकील थे. रानिल विक्रमसिंघे ने 1977 में लोकसभा चुनाव में जीत हासिल की. इन्हें विदेश मंत्रालय का डिप्टी मिनिस्टर बनाया गया. इसके बाद उनको रोजगार और युवा मंत्रालय समेत कई मंत्रालय संभालने का अवसर मिला.

जब पहली बार उन्होंने मंत्रालय संभाला तो वे अपने समय के सबसे कम उम्र के मंत्री थे. उन्होंने 7 मई 1993 से 18 अगस्त 1994, 8 दिसंबर 2001 से 6 अप्रैल 2004, 9 जनवरी 2015 से 26 अक्टूबर 2018 और 15 दिसंबर 2018 से 21 नवंबर 2019 तक श्रीलंका के प्रधानमंत्री के रूप में कार्य किया है. इसके बाद वह 12 मई 2022 को श्रीलंका के दुबारा से प्रधानमंत्री बने और अब उन्होंने 9 जुलाई 2022 को पीएम के पद से इस्तीफा दे दिया है. ऐसे में श्रीलंका की राजनीति में रानिल विक्रमसिंघे एक जाना पहचाना चेहरा हैं. रानिल विक्रमसिंघे ने मैत्री विक्रमसिंघे से 1994 में शादी की. मैत्री विक्रमसिंघे पॉलिटिकल लाइफ से दूर ही रहना पसंद करती हैं और वह अंग्रेजी प्रोफेसर हैं.

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रानिल विक्रमसिंघे ने यूनाइटेड नेशनल पार्टी के नेशनल लिस्ट सांसद के रूप में संसद में फिर से प्रवेश किया, और 23 जून 2021 को संसद के सदस्य के रूप में शपथ ली. मई 2022 में विक्रमसिंघे को राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे ने प्रधानमंत्री के रूप में फिर से नियुक्त किया. 9 जुलाई 2022 को विक्रमसिंघे ने घोषणा की कि वह बड़े पैमाने पर सरकार विरोधी विरोध प्रदर्शनों के बीच इस्तीफा देने को तैयार हैं. जिसमें उनके निजी निवास को आग लगा दी गई थी, साथ ही तत्कालीन राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे के निवास पर प्रदर्शनकारियों ने कब्जा कर लिया था. नई सरकार बनने के बाद उन्होंने प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा देने पर सहमति व्यक्त की.

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गोटबाया राजपक्षे के 13 जुलाई 2022 को देश छोड़कर भाग जाने के बाद विक्रमसिंघे 13 जुलाई 2022 को कार्यवाहक राष्ट्रपति बने. राजपक्षे ने 14 जुलाई 2022 को इस्तीफा दे दिया. 15 जुलाई 2022 को विक्रमसिंघे ने श्रीलंका के कार्यवाहक राष्ट्रपति के रूप में शपथ ली. 20 जुलाई को विक्रमसिंघे संसद में राष्ट्रपति चुन लिए गए.