वोडाफोन (Vodafone) ग्रुप के सीईओ निक रीड ने बड़ा फैसला लिया है. उन्होंने कहा है कि, वह इस साल 2022 के अंत में अपना पद छोड़ देंगे.बताया जा रहा है कि अब ग्रुप की फाइनेंस चीफ मार्गेरिटा डेला वैले उनकी जगह लेंगी. चार साल के कार्यकाल में रीड ने ना केवल मोबाइल ग्रुप को महामारी से उबारा, बल्कि यूरोप और अफ्रीका में फोकस बढ़ाने के लिए कंपनी की प्रोपर्टी बेचने का भी फैसला लिया.साथ ही टावर के बुनियादी ढांचे को एक अलग यूनिट में बदल दिया.इसके बाद भी वोडाफोन के शेयर्स में लगातार गिरावट दर्ज की गई.

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रिपोर्ट के मुताबिक, इस्तीफा देते हुए रीड ने कहा कि, वोडाफोन में अपने करियर के 20 साल से ज्यादा बिताना मेरे लिए सौभाग्य की बात है और मुझे इस बात पर गर्व है कि हमने पूरे यूरोप और अफ्रीका में कस्टमर्स और समाज के लिए क्या किया है. मैं बोर्ड से सहमत हूं कि कंपनी को अब एक नए लीडर को सौंपने का समय आ गया है. एक ऐसा लीडर जो कंपनी को ताकत दे सके और अवसरों का सही इस्तेमाल करने में कामयाब हो.

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हालांकि, बताया जा रहा है, रीड 31 मार्च 2023 तक बोर्ड में सलाहकार के तौर पर कंपनी में मौजूद रहेंगे.निक रीड ने 2001 में वोडाफोन ग्रुप जॉइन किया था. 2018 में CEO बनने से पहले उन्होंने लोकल, रीजनल और ग्लोबल एक्जीक्यूटिव पद पर काम किया है. वोडाफोन से जुड़ने से पहले वे यूनाइटेड बिजनेस मीडिया PLC और फेडरेल एक्सप्रेस वर्ल्डवाइड में ग्लोबल फाइनेंस पोजिशन पर रहे.वोडाफोन ने आगे कहा कि बोर्ड ने नए ग्रुप चीफ एक्जीक्यूटिव को खोजने की प्रक्रिया शुरू कर दी है.

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वोडाफोन का कहना है कि मार्गेरिटा डेला वैले कंपनी की परफार्मेंस बेहतर करने के लिए कंपनी की स्ट्रेटेजी को अमलीजामा पहनाने में तेजी लाएंगी. इसके अलावा शेयरहोल्डर्स को बेहतर मूल्य देने के लिए भी अच्छा काम करेंगी. वोडाफोन ग्रुप ने बताया कि मार्गेरिटा अंतरिम ग्रुप चीफ एक्जीक्यूटिव के साथ-साथ ग्रुप चीफ फाइनेंशियल ऑफिसर के रूप में भी काम करती रहेंगी.