अशरफ गनी अफगानिस्तान के राष्ट्रपति थे जिन्होंने देश पर तालिबान के कब्जे के बाद अपने पद से इस्तीफा दे दिया और इसके साथ ही उन्होंने देश छोड़ दिया. अशरफ गनी पूर्व राष्ट्रपति हमिद करजई की जगह लेने के बाद अफगानिस्तान के 35वें राष्ट्रपति बने थे. उन्होंने 29 सितंबर 2014 को राष्ट्रपति पद की शपथ ली थी. लेकिन देश पर तालिबान के कब्जे के बाद 15 अगस्त 2021 को राष्ट्रपति पद से इस्तीफा दे दिया.

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अशरफ गनी ने अपने फेसबुक पोस्ट के जरिए बताया कि उन्हें अफगानिस्तान को क्यों छोड़ना पड़ा है. अशरफ गनी ने रविवार को कहा कि तालिबान के राजधानी काबुल में प्रवेश करने के बाद उन्होंने रक्तपात (खून खराबा) से बचने के लिए देश को छोड़ दिया था. अपने फेसबुक पेज पर एक पोस्ट में गनी ने कहा कि उन्हें एक कठिन निर्णय का सामना करना पड़ा, जिसमें लाखों काबुल निवासियों के भाग्य और 20 साल के युद्ध के बाद शहर की सुरक्षा दांव पर लगी थी, जिसमें अनगिनत लोग पहले ही मारे जा चुके थे.

गनी ने कहा कि रक्तपात (खून खराबे) से बचने के लिए मैंने सोचा कि देश छोड़ना बेहतर होगा. उन्होंने कहा कि तालिबानी विद्रोहियों जो बाद में काबुल में राष्ट्रपति भवन में प्रवेश कर गए थे, अब एक ऐतिहासिक परीक्षा का सामना कर रहे हैं.

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उन्होंने कहा कि तालिबान ने तलवार और बंदूक के फैसले में जीत हासिल की और हमारे हमवतन के सम्मान, समृद्धि और स्वाभिमान की रक्षा करना उनकी जिम्मेदारी है.

अशरफ गनी ने इस बात का खुलासा नहीं किया कि वह मौजूदा समय में देश छोड़ने के बाद कहां हैं. हालांकि, कुछ रिपोर्ट में दावा किया जा रहा है कि वह उज्बेकिस्तान में हैं. गनी पर देश के लोग विश्वासघात का आरोप लगा रहे हैं.

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