लेखक सलमान रुश्दी (Salman Rushdie) पर शुक्रवार को अमेरिका के न्यूयॉर्क (New York) में एक कार्यक्रम के दौरान काला कपड़ा और मास्क पहना व्यक्ति छलांग लगाकर स्टेज पर चढ़ा और हमला कर दिया. सलमान रुश्दी एक विवादित लेखक के रूप में जाने जाते हैं. 75 वर्षीय रुश्दी को उनके लेखन के कारण से पहले भी धमकियां मिल चुकी है. यहां हम आपको बताएंगे कि सलमान रुश्दी ने ‘सैटेनिक वर्सेज’ (Satanic Verses) में ऐसा क्या लिखा था? किसकी वजह से फतवा जारी होने के 33 साल बाद सलमान रुश्दी पर जानलेवा हमला हुआ.

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दैनिक भास्कर न्यूज़ रिपोर्ट के मुताबिक, ‘शुरुआत से ही आदमी ने गलत को सही ठहराने के लिए ईश्वर का इस्तेमाल किया.’ ये बात लेखक सलमान रुश्दी (What Salman Rushdie wrote in ‘Satanic Verses’) ने वर्ष 1988 में अपनी किताब ‘सैटेनिक वर्सेज’ में लिखी थी.

इसी किताब के कारण से सलमान रुश्दी पर पैगंबर की बेअदबी के आरोप लगे. इसके बाद वर्ष 1989 में ईरान की इस्लामिक क्रांति के नेता अयातुल्ला खुमैनी ने सलमान रुश्दी के खिलाफ मौत का फतवा जारी कर दिया था. आपकी जानकारी के लिए बता दें कि इस फतवे के जारी होने के 33 वर्ष बाद अमेरिका के न्यूयॉर्क शहर में सलमान रुश्दी पर जानलेवा हमला हुआ है.

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सलमान रुश्दी (Salman Rushdie) की ‘द सैटेनिक वर्सेज’ किताब ने ऐसे विवादों को जन्म दिया जो जिंदगीभर उनका पीछा नहीं छोड़ने वाले. उनकी इस किताब को इस्लाम विरोधी और ईश निंदा करने वाला माना गया है. इसी के चलते 1980 के दशक में उन्हें ईरान से जान से मारने की धमकियां मिली थी. ये किताब 1988 से ही ईरान में बैन है. परंतु इसकी वजह से सलमान रुश्दी हमेशा चरमपंथियों के निशाने पर रहे.

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बता दें कि सलमान रुश्दी (Salman Rushdie) को ईरान से कोई मामूली धमकी नहीं मिली थी. दरअसल ये ऐलान हुआ था कि जो भी व्यक्ति सलमान रुश्दी को मारेगा उसे 30 लाख डॉलर का इनाम दिया जाएगा. वहीं, ईरान में गणतंत्र के संस्थापक और देश के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला रुहोल्ला खुमैनी ने उनके खिलाफ 1989 में फतवा भी जारी किया था.