रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने यूक्रेन के दो क्षेत्रों को स्वतंत्र घोषित करते हुए उन क्षेत्रों में सेना भेजने के आदेश दिए हैं. पुतिन ने यूक्रेन के “डोनेट्स्क और लुहान्स्क पीपुल्स रिपब्लिक” को “स्वतंत्र” घोषित कर दिया है. पुतिन के इस फैसले ने तनाव को और भी बढ़ा दिया है. वहीं, पुतिन के इस फैसले के बाद अमेरिका ने भी कड़ा कदम उठाया है और इसका विरोध किया. वहीं, अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने यूक्रेन के तथाकथित DNR या LNR में अमेरिका व्यक्तियों के नए निवेश, व्यापार और वित्तपोषण पर प्रतिबंध लगाने वाले कार्यकारी आदेश पर साइन कर दिए.

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व्लादिमीर पुतिन के इस बड़े फैसले ने तनाव काफी बढ़ा दिया है. वहीं, यूक्रेन के इन क्षेत्रों में रूसी सेना को भेजने के आदेश के बाद ऐसी आशंका बढ़ गई है कि अब युद्ध किसी भी समय शुरू हो सकता है.

अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकेन ने एक बयान में कहा, हम तथाकथित “डोनेट्स्क और लुहान्स्क पीपुल्स रिपब्लिक” को “स्वतंत्र” के रूप में मान्यता देने के राष्ट्रपति पुतिन के फैसले की कड़ी निंदा करते हैं.

वहीं, यूरोपीय संघ ने यूक्रेन के अलगाववादी क्षेत्रों को मान्यता देने के रूस के कदम को अंतरराष्ट्रीय कानून का उल्लंघन करार देते हुए कहा कि वह इसमें शामिल लोगों पर प्रतिबंध लगाएगा. इसने यूक्रेन की स्वतंत्रता, संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता के प्रति अपना समर्थन दोहराया.

गौरतलब है कि, पश्चिमी देशों को इस बात का डर है कि रूस किसी भी समय यूक्रेन पर हमला कर सकता है और वह पूर्वी यूक्रेन में झड़पों को हमला करने के लिए बहाने के तौर पर इस्तेमाल कर सकता है. इससे पहले, यूक्रेन के अलगाववादी नेताओं ने टेलीविजन पर प्रसारित एक बयान के जरिए रूस के राष्ट्रपति से अनुरोध किया था कि वे अलगाववादी क्षेत्रों की स्वतंत्रता को मान्यता दें और मित्रता संधियों पर हस्ताक्षर करके उनके ‘‘खिलाफ जारी यूक्रेनी सेना के हमलों से’’ उनकी रक्षा करने के लिए सैन्य सहायता भेजें.

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