सलमान रुश्दी (Salman Rushdie) का पूरा नाम सर अहमद सलमान रुश्दी है. जो एक ब्रिटिश भारतीय उपन्यासकार और निबंधकार हैं. उनकी शैली का वर्गीकरण अक्सर ऐतिहासिक कल्पना के साथ संयोजित जादुई यथार्थवाद के रूप में किया जाता है और उनकी कृतियों की प्रमुख विषय-वस्तु, पूर्वी और पश्चिमी दुनिया के बीच कई रिश्तों के जुड़ने, अलग होने और देशांतरणों की कहानी रही है. 

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सलमान रुश्दी की कितनी संपत्ति है?

लेखक सलमान रुश्दी (Salman Rushdie) के पास 15 मिलीयन डॉलर यानी 119 करोड़ 43 लाख 7 हजार 500 रुपये की संपत्ति है. वहीं, अगर उनकी हॉबीज की बात करें तो उन्हें पढ़ना और घुड़सवारी करना बहुत ज्यादा पसंद है. सलमान रुश्दी कई विवादों से भी घिरे रहे हैं.

सलमान रुश्दी (Salman Rushdie) का जन्म 19 जून 1947 में हुआ था. उनका जन्म मुंबई भारत में हुआ था. रुश्दी, कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय के शिक्षित वकील जो बाद में व्यवसायी बने और नेगिन भट्ट, एक शिक्षिका के इकलौते बेटे हैं. उनकी शिक्षा कैथेड्रल एंड जॉन कॉनन स्कूल, मुंबई, रग्बी स्कूल और किंग्स कॉलेज, केम्ब्रिज में हुई, जहां उन्होंने इतिहास का अध्ययन किया.

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रुश्दी की चार बार शादी हुई. अपनी पहली पत्नी क्लेरिस्सा लुआर्ड से वे 1976 से 1987 तक विवाहित रहे जिससे उन्हें एक बेटा जफ़र हुआ. उनकी दूसरी पत्नी अमेरिकी उपन्यासकार मारिआन विगिंस थीं; उन दोनों का विवाह 1988 को और तलाक़ 1993 में हुआ. उनकी तीसरी पत्नी, 1997 से 2004 तक, एलिजाबेथ वेस्ट थीं; उनका एक बेटा, मिलन है. 2004 में उन्होंने भारतीय अमेरिकी अभिनेत्री और सुपर मॉडल पद्मा लक्ष्मी, अमेरिकी रिएलिटी टेलिविज़न कार्यक्रम टॉप शेफ़ की मेजबान, से विवाह किया. शादी 2 जुलाई 2007 को टूट गया और लक्ष्मी ने इंगित किया कि उन्होंने ख़ुद विवाह समाप्त करना चाहा था.

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सलमान रुश्दी (Salman Rushdie) के पहले उपन्यास ग्राइमस (1975) को आम तौर पर जनता और साहित्यिक आलोचकों ने नज़रअंदाज किया. लेकिन उनके दूसरे उपन्यास मिडनाइट्स चिल्ड्रन (1981) ने, उन्हें साहित्यिक प्रसिद्धि प्रदान की. इस उपन्यास के लिए उन्हें 1981 में बुकर पुरस्कार मिला. उनके अधिकांश प्रारंभिक उपन्यास भारतीय उप-महाद्वीप पर आधारित हैं.

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उनका चौथा उपन्यास सेटेनिक वर्सेज़ (1988), “द सेटेनिक वर्सेज” विवाद के केंद्र में था, जिसके तहत मुसलमानों की ओर से कई देशों में इसका विरोध हुआ.. कुछ विरोध प्रदर्शन हिंसक थे, जिसके दौरान रुश्दी को मौत की धमकी और फरवरी, 1989 में तत्कालीन ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला रूहोल्लाह खोमैनी द्वारा जारी किए गए फतवे का सामना करना पड़ा. उनकी हत्या करने के एलान की प्रतिक्रिया के रूप में, रुश्दी ने लगभग एक दशक, मुख्यतः भूमिगत होकर बिताया, जिसके दौरान कभी-कभार ही वे सार्वजनिक रूप से सामने आए थे.