रानिल विक्रमसिंघे (Ranil Wickremesinghe) को आज (20 जुलाई) श्रीलंका का नया राष्ट्रपति (new Sri Lanka President) चुना गया. देश में भारी आर्थिक संकट को लेकर व्यापक विरोध के बाद गोटबाया राजपक्षे ने शीर्ष पद से इस्तीफा दे दिया था. इसके बाद से विक्रमसिंघे कार्यवाहक राष्ट्रपति के रूप में कार्यरत थे.

श्रीलंका के नवनियुक्त राष्ट्रपति रानिल विक्रमसिंघे ने कहा, “देश बहुत मुश्किल स्थिति में है, हमारे सामने बड़ी चुनौतियां हैं.”

छह बार के प्रधान मंत्री रहे विक्रमसिंघे को राष्ट्रपति बनने की रेस में सबसे आगे माना जा रहा था क्योंकि उन्हें राजपक्षे की पार्टी एसएलपीपी का समर्थन प्राप्त है, जो 225 सदस्यीय संसद में सबसे बड़ा धड़ा है.

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73 वर्षीय रानिल विक्रमसिंघे को प्रदर्शनकारी राजपक्षे के सहयोगी के रूप में देखते हैं और उन्होंने प्रधानमंत्री के पद से उनके इस्तीफे की भी मांग की थी. जानकारों का मानना है कि विक्रमसिंघे विरोध प्रदर्शनों पर कड़ी कार्रवाई करेंगे. 

रानिल विक्रमसिंघे का जन्म श्रीलंका के कोलंबो में एक सम्पन्न परिवार में 24 मार्च 1949 को हुआ. उनके पिता एस्मॉन्ड विक्रमसिंघे पेशे से एक वकील थे. रानिल अपने पिता के कदमों पर चले और श्रीलंका की सीलोन यूनिवर्सिटी से पढ़ाई की. रानिल विक्रमसिंघे ने 1977 में लोकसभा चुनाव में जीत हासिल की. इन्हें विदेश मंत्रालय का डिप्टी मिनिस्टर बनाया गया. इसके बाद उनको रोजगार और युवा मंत्रालय समेत कई मंत्रालय संभालने का अवसर मिला.

जब पहली बार उन्होंने मंत्रालय संभाला तो वे अपने समय के सबसे कम उम्र के मंत्री थे. उन्होंने 7 मई 1993 से 18 अगस्त 1994, 8 दिसंबर 2001 से 6 अप्रैल 2004, 9 जनवरी 2015 से 26 अक्टूबर 2018 और 15 दिसंबर 2018 से 21 नवंबर 2019 तक श्रीलंका के प्रधानमंत्री के रूप में कार्य किया है. इसके बाद वह 12 मई 2022 को श्रीलंका के दुबारा से प्रधानमंत्री बने और अब उन्होंने 9 जुलाई 2022 को पीएम के पद से इस्तीफा दे दिया है. ऐसे में श्रीलंका की राजनीति में रानिल विक्रमसिंघे एक जाना पहचाना चेहरा हैं. रानिल विक्रमसिंघे ने मैत्री विक्रमसिंघे से 1994 में शादी की. मैत्री विक्रमसिंघे पॉलिटिकल लाइफ से दूर ही रहना पसंद करती हैं और वह अंग्रेजी प्रोफेसर हैं.

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विक्रमसिंघे के मुख्य प्रतिद्वंद्वी एसएलपीपी से असंतुष्ट और पूर्व शिक्षा मंत्री दुल्लास अल्हाप्परुमा थे, जो एक पूर्व पत्रकार हैं. उन्हें विपक्ष का समर्थन प्राप्त था. तीसरी उम्मीदवार 53 वर्षीय अनुरा दिसानायके थीं, जो वामपंथी पीपुल्स लिबरेशन फ्रंट की नेता थीं.