रूस (Russia) और यूक्रेन (Ukraine) के बीच युद्ध जारी है. रूस ने जो जंग छेड़ी है. वो अब परमाणु हमले के खतरे तक जा पहुंची है. माना जा रहा है कि रूस ने परमाणु हमले की प्लानिंग कर ली है. अगर रूस परमाणु हमला करता है. तो आधे घंटे में 10 करोड़ लोगों की मौत होगी. वर्ष 1945 में अगस्त के महीने में दूसरे विश्व युद्ध के दौरान अमेरिका ने जापान के हिरोशिमा और नागासाकी पर परमाणु हमला किया था. यह हमला इतना जोरदार था कि कुछ ही मिनटों में लाखों लोगों की मौत हो गई थी. इस हमले के बाद भी लोग वर्षों तक मरते रहे. रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने यूक्रेन के साथ जारी युद्ध के बीच अपनी न्यूक्लियर फोर्स को ‘हाई अलर्ट’ पर रखा है.

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इस समय रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध को लेकर परमाणु युद्ध का खतरा बढ़ गया है. रूस की सेना और टैंक यूक्रेन में काफी अंदर तक प्रवेश कर गई है. राजधानी कीव के आसपास पहुंच गए हैं. वहीं अमेरिका समेत पश्चिमी देश यूक्रेन की सहायता कर रहे हैं. राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने पहले ही कह चुके है. अगर कोई इस युद्ध के बीच में आया तो उसका अंजाम बहुत बुरा होगा.

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जापान परमाणु हमले को पहले ही झेल चुका है

आपको जानकारी के लिए बता दें कि जापान परमाणु हमले को पहले ही झेल चुका है. मीडिया रिपोट्स से मिली जानकारी के अनुसार, अगर परमाणु हमला होता है तो लाखों लोगों की मौत होगी.अगर 10 या उससे अधिक बम गिराए जानें की चर्चा करें तो लाखों-करोड़ों मौतें होंगी. साथ ही पृथ्वी का पूरा सिस्टम बिगड़ जाएगा.

शहर पूरी तरह से हो जाएगा तबाह

रिपोर्ट्स के मुताबिक जिस शहर में परमाणु हमला होता है. वह शहर पूरी तरह से तबाह हो जाएगा.अगर कई सारे परमाणु बम का प्रयोग होता है. तो इसमें करोड़ों लोग मारे जाएंगे. अगर एक किलोमीटर दायरे में 1 लाख से ज्यादा लोग रहते हैं. अगर वहां हिरोशिमा जैसा परमाणु बम गिर जाता है. तो एक हफ्ते में 8.70 लाख से ज्यादा मौत हो जाएंगी. बता दें कि किसी युद्ध के दौरान विश्व में मौजूद एक प्रतिशत से कम परमाणु हथियारों का प्रयोग होता है. इससे 2 अरब लोगों भुखमरी के कगार पर पहुंच जाएंगे.

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अगर 100 बम गिराए जाते है तो क्या होगा

जो परमाणु बम का प्रयोग हिरोशिमा में हमले किया गया था. अगर उसी साइज के 100 बम गिराए जाते हैं. तो धरती का पूरा सिस्टम ही बिगड़ जाएगा.

हमला होने की वजह से इतना धुआं निकलेगा. जो पृथ्वी की सतह पर जम जाएगा. ऐसा होने पर कम से कम 10 प्रतिशत जगहों पर सूरज की रोशनी नहीं पहुंचेगी.

ज्यादातर इलाकों में नहीं होगी बारिश

सारे परमाणु हथियारों का प्रयोग करने की अगर चर्चा की जाए तो इससे 150 मिलियन टन धुंआ धरती के स्ट्रेटोस्फेयर में जम जाएगा. और दुनियाभर के ज्यादातर इलाकों में बारिश भी नहीं होगी. ग्लोबल रेनफॉल में 45 प्रतिशत की कमी आएगी और इससे पृथ्वी की सतह का औसत तापमान 7 से -8 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच जाएगा.

6 अगस्त को सुबह 8:15 बजे अमेरिका के इनोला गे विमान ने हिरोशिमा पर पहला एटोमिक बम गिरायाथा. उस वक्त तापमान 10 लाख डिग्री सेल्सियस से भी ज्यादा गर्म हो गया था. करीब 10 किलोमीटर तक सबकुछ जलकर राख हो गया. हिरोशिमा पर किया गया परमाणु हमला दरअसल 1941 को अमेरिका के नौसैनिक बेस पर्ल हार्बर पर किए गए जापानी सेना के द्वारा हमले का बदला था.