जापान हर साल 6 अगस्त को हिरोशिमा दिवस (Hiroshima Day) मनाता है ताकि वह दिन दुनिया को किसी और विश्व युद्ध और विनाश से बचने के लिए “शांति की राजनीति” की आवश्यकता के बारे में भी याद दिलाया जा सके. सन 1945 में अमेरिका ने अपने B-29 बॉम्बर से जापान के शहर हिरोशिमा में परमाणु हमला किया था| इस हमले से 90 प्रतिशत शहर तबाह हो गया और करीब 80 हज़ार लोगों की तुरंत मौत हो गयी जबकि 35 हज़ार लोग गंभीर रूप से घायल हो गए थे. आइए जानते इस के बारे में:

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पहले विश्व युद्ध में मानव भारी विस्फोटक सामग्री का उपयोग किया गया इसके कारण मृत्यु और धन की बहुत हानि हुई . प्रथम विश्व युद्ध, जिसे महान युद्ध भी कहा जाता है, जो 28 जुलाई 1914 से 11 नवंबर 1918 तक चला था

द्वितीय विश्व युद्ध में, मानव ने पहली बार परमाणु हथियार का उपयोग किया गया था. द्वितीय विश्व युद्ध परमाणु हथियार के लिए प्रसिद्ध है जो हिरोशिमा शहर में जापान में अमेरीका द्वारा उपयोग किया गया.

1. 6 अगस्त 1945 को सुबह 8:15 बजे हिरोशिमा पर बम गिराया गया था. दूसरा बम 9 अगस्त 1945 को सुबह 11 बजे गिराया गया था. इसके बाद फिर कभी परमाणु बम का इस्तेमाल नहीं किया गया.

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2. हिरोशिमा पर बम गिराने का फैसला एक घंटे पहले ही लिया गया था.

3. हिरोशिमा पर गिराए गए बम का नाम लिटिल बॉय था. इसका वजन करीब 4000 किलो था. यह 65 किलो यूरेनियम से भरा हुआ था और 10 फीट लंबा थ.

4. नागासाकी पर गिराए गए बम का नाम फैट मेन था. दूसरी बार परमाणु बम गिराया गया था, इसका वजन 4500 किलो था और लंबाई 11.5 फीट थी। इस बम में 6.4 किलो प्लूटोनियम था, जो यूरेनियम से भी ज्यादा खतरनाक था.

5. हिरोशिमा हमले के बाद पृथ्वी का तापमान 4000 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया था. यह तापमान स्टील को पिघलाने के लिए पर्याप्त है. हालांकि जिस जगह पर बम गिराया गया उस जगह का तापमान 3 लाख डिग्री सेल्सियस था.

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6. हिरोशिमा और नागासाकी आज रेडियोधर्मी मुक्त हैं, जो एक बड़ी बात है. क्योंकि दोनों बम जमीन से कुछ दूरी पर फटे थे.

7. बमबारी में हिरोशिमा में लगभग 140,000 लोग मारे गए , और नागासाकी में लगभग 74,000 लोग मारे गए थे. बहुत से लोग घायल हो गए, कई बचे लोगों को विकिरण (Radiation) से ल्यूकेमिया, कैंसर, त्वचा रोग या अन्य भयानक दुष्प्रभावों का सामना करना पढ़ा.

8. हिरोशिमा में 70% इमारतें नष्ट हो गई. उस वर्ष में कई लोग बेघर हो गए और 1945 के अंत तक अनुमानित 140,000 लोगों की मौत हो गई, साथ ही साथ बचे लोगों में कैंसर और पुरानी बीमारी की दरों में वृद्धि हुई. उस वर्ष जापान की अर्थव्यवस्था संकट में थी.

9. उसके बाद आज तक कहीं और फिर कभी परमाणु हमला नहीं देखा गया लेकिन जापान में आम लोगों पर हुए उस हमले की दास्ताँ आज भी एक जख्म दे जाती है.

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