अफगानिस्तान से खबर आई है कि काबुल से रेस्क्यू किए जाने की प्रतीक्षा कर रहे 150 लोगों का तालिबान ने अपहरण कर लिया है, जिसमें से ज्यादातर के भारतीय होने का दावा किया जा रहा है. हालांकि, तालिबान के प्रवक्ता ने इन ख़बरों का खंडन किया है.
भारतीय नागरिकों के एक समूह को यात्रा दस्तावेजों के सत्यापन और पूछताछ के लिए शनिवार को काबुल हवाई अड्डे के पास एक अज्ञात स्थान पर रोका और ले जाया गया, जिससे भारत में कुछ भ्रम और चिंता की स्थिति पैदा हो गई थी. काबुल के घटनाक्रम पर नज़र रखने वाले लोगों ने कहा कि काबुल में अब तक भारतीयों को किसी तरह के नुकसान की कोई विशेष रिपोर्ट नहीं मिली है.
कई अफगान मीडिया आउटलेट्स ने रिपोर्ट दी है कि काबुल से निकासी की प्रतीक्षा कर रहे लोगों का तालिबान द्वारा अपहरण किया गया है. इनमें भारतीय नागरिक भी बताए गए. अफगान मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, भारतीय उन 150 लोगों में शामिल थे, जो काबुल हवाई अड्डे की ओर जा रहे थे, जब उन्हें तालिबान लड़ाकों ने रोका.
तालिबान ने रिपोर्ट का खंडन किया
भारतीयों को बाद में रिहा कर दिया गया था. तालिबान के प्रवक्ता अहमदुल्ला वसीक ने इस रिपोर्ट का खंडन किया है. उन्होंने अफगान मीडिया के एक सदस्य से इसपर बात की है.
काबुल नाउ समाचार पोर्टल ने शुरू में बताया कि तालिबान लड़ाकों द्वारा समूह का “अपहरण” किया गया था, लेकिन बाद में इसने रिपोर्ट को अपडेट करते हुए कहा कि सभी लोगों को रिहा कर दिया गया और वो काबुल हवाई अड्डे के लिए रवाना हो गए. रिपोर्ट में कहा गया कि भारतीयों को पूछताछ के लिए ले जाया गया और मौजूदा परिस्थितियों में यह असामान्य नहीं है.
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इससे पहले भारत ने 80 लोगों को अफगानिस्तान से निकाला
अफगानिस्तान की राजधानी में बिगड़ते सुरक्षा हालातों के बीच भारतीय वायु सेना के एक परिवहन सैन्य विमान द्वारा शनिवार को काबुल से लगभग 80 भारतीय नागरिकों को निकाला गया. भारतीयों को निकालने के बाद विमान ताजिकिस्तान के दुशांबे में उतरा. उड़ान शाम को दिल्ली के पास हिंडन एयरबेस पर पहुंचने की उम्मीद है.
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भारत ने रविवार को काबुल पर तालिबान के कब्जा किए जाने के बाद भारतीय वायुसेना के दो सी-17 भारी-भरकम परिवहन विमानों की मदद से काबुल में अपने दूतावास के कर्मचारियों सहित 200 लोगों को पहले ही रेस्क्यू किया था. पहली रेस्क्यू फ्लाइट सोमवार को 40 से अधिक भारतीयों को वापस लाई थी.
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