Azerbaijan Armenia war; अर्मेनिया-अजरबैजान सीमा पर 13 सितम्बर 2022 की सुबह एक बार फिर घातक संघर्ष शुरू हो गया, जिसमें अजरबैजान के कई सैनिकों की मौत हो गई. रिपोर्टों के अनुसार, पूरी रात भारी गोलाबारी जारी रही. पड़ोसी देशों का नागोर्नो काराबाख (Nagorno Karabakh) के विवादित क्षेत्र पर एक बार फिर आमना-सामना हो गया. दोनों ने पहले ही इस क्षेत्र पर दो युद्ध लड़े हैं, जिसमें हजारों मौते हुई हैं.

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हाल ही में 2020 तक आर्मेनिया और अजरबैजान ने नागोर्नो कराबाख पर अपने क्षेत्रीय दावों को लेकर जंग लड़ी है. ‘नागोर्नो काराबाख’ में अर्मेनियाई लोगों की बहुतायत है, लेकिन अजरबैजान इसे अपना हिस्सा मानता है. अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर भी इसे अजरबैजान का ही हिस्सा माना जाता है. एक तरफ जहां दुनिया की निगाहें यूक्रेन पर टिकी हुई थीं, वहीं नजरों से दूर अर्मेनिया और अजरबैजान के बीच भड़कते तनाव ने टकराव का रूप ले लिया है. 

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नागोर्नो काराबाख आजरबैजान की सीमा है लेकिन वह 1994 में लड़ाई के खत्म हो जाने के बाद से आर्मेनिया से समर्थित जातीय आर्मेनियाई बलों के नियंत्रण में है. दोनों के बीच 2020 का संघर्ष 27 सितंबर को शुरू हुआ था और उसमे हजारों नहीं तो सैकड़ों लोगों की मौत हुई थी. 

दुनिया के मानचित्र पर एक नज़र डालने से पता चलता है कि आर्मेनिया और अजरबैजान रूस के दक्षिण में बसे हुए हैं. अजरबैजान रूस के साथ भूमि सीमा साझा करता है और इसके पश्चिम में कैस्पियन सागर है. आर्मेनिया इसके उत्तर में जॉर्जिया के साथ सीमाएं साझा करता है. तुर्की आर्मेनिया के दक्षिण में स्थित है.

नागोर्नो काराबाख को लेकर अजरबैजान और आर्मेनिया का युद्ध. 

संघर्ष की उत्पत्ति सोवियत काल में हुई जब दोनों राष्ट्र विशाल सोवियत संघ का हिस्सा थे. हालांकि, जैसा कि इतिहास गवाह है ‘संघ’ मतभेदों से भरा हुआ था. गुस्से को शांत करने के लिए मॉस्को अर्मेनियाई बहुतायत वाले नागोर्नो-काराबाख को अजरबैजान में मिलाने के लिए सहमत हो गया.

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हालांकि, सोवियत शासन के अंत और सदस्य देशों पर मास्को की पकड़ कमजोर होने के कारण आर्मेनिया और अजरबैजान के बीच पूर्ण पैमाने पर जंग छिड़ गई. 1994 में युद्धविराम से पहले 20,000 से 30,000 लोग इस जंग में मारे गए और हजारों की संख्या में लोग विस्थापित हुए. 

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काउंसिल ऑन फॉरेन रिलेशंस के अनुसार, आर्मेनिया ने नागोर्नो-काराबाख को अपने नियंत्रण में ले लिया और आसपास के अजरबैजानी क्षेत्र के 20 प्रतिशत पर कब्जा कर लिया. नागोर्नो-काराबाख अभी भी अर्मेनिया से जुड़े राजनीतिक गुटों द्वारा शासित है, भले ही इसे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अजरबैजान के हिस्से के रूप में मान्यता प्राप्त है. 

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2016 और 2020 में आर्मेनिया और अजरबैजान के बीच दो युद्ध लड़े गए. दो साल पहले 45-दिवसीय युद्ध में अजरबैजान ने दोनों पक्षों के 6,500 लोगों की जान की कीमत पर अपने खोए हुए अधिकांश क्षेत्रों को वापस पा लिया था.