लोगों को लगातार बैकिंग सेवा से जोड़ा जा रहा है. इस वजह से आज ज्यादातर लोगों के पास सेविंग अकाउंट हैं. कुछ लोग अपने पैसों को सुरक्षित रखने के लिए पोस्टऑफिस (Post Office) में अपना सेविंग अकाउंट खुलवाते हैं. हालांकि, कई बार अकाउंट खुलवाने के बाद ये अकाउंट साइलेंट हो जाते हैं. क्योंकि, खाताधारक कुछ गलती करते है जिससे वह साइलेंट हो जाते हैं.

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जैसा की नाम से ही साइलेंट है तो इसका मतलब है अकाउंट में किसी तरह की प्रक्रिया न होना. जब पोस्ट ऑफिस के अकाउंट से किसी तरह का ट्रांजेक्शन नहीं होता है तो ये साइलेंट अकाउंट हो जाता है. नियम के मुताबिक, अगर लगातार 3 वित्त वर्षों में कोई ट्रांजेक्शन नहीं हुआ यानी न पैसे जमा किये गए और न ही निकाले गए. ऐसी स्थिति में अकाउंट साइलेंट या डोरमेंट हो जाएगा.

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इसके बाद हो सकता है कि आप डाकघर बचत खाते से जुड़ी सर्विसेज का लाभ नहीं ले पाएंगे. वहीं, आप इस खाते में जमा पैसे को निकाल भी नहीं पाएंगे. इसके लिए आपको कुछ प्रक्रिया से गुजरनी होगी तब ये अकाउंट फिर से रिवाइव होगा.

डोरमेंट अकाउंट को रिवाइव करने के लिए आपको अपने खाते की मौजूदगी वाले डाकघर में ऐप्लीकेशन और नए केवाईसी डॉक्युमेंट देने होंगे. साथ ही डाकघर बचत खाते की पासबुक भी लगानी होगी.

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पोस्‍ट ऑफिस सेविंग्‍स अकाउंट पर सालाना ब्याज दर 4 फीसदी है. अकांउट में मिनिमम बैलेंस 500 रुपये रखना जरूरी है. मैक्सिमम कितना ही बैलेंस रख सकते हैं. मिनिमम बैलेंस बरकरार न रखने पर हर वित्त वर्ष के आखिरी दिन अकाउंट से 100 रुपये की मेंटीनेंस फीस काट ली जाएगी. फीस काटने के बाद अगर खाते में बैलेंस निल हो गया तो यह अपने आप बंद हो जाएगा. डाकघर बचत खाते से मिनिमम 50 रुपये की भी निकासी की जा सकती है.