TAN कार्ड और PAN कार्ड दोनों अलग होते हैं. हालांकि, दोनों ही कार्ड आयकर विभाग (Income Tax) द्वारा जारी किये जाते हैं. ये हर भारतीय नागरिक के लिए जारी किया जाता है. इसके द्वारा इनकम टैक्स आसानी से टैक्स वूसल सकता है. PAN कार्ड के बारे में तो सभी लोग जानते हैं लेकिन हो सकता है आप TAN कार्ड के बारे में नहीं जानते होंगे या PAN कार्ड से मिलते जुलते नाम से आप कंफ्यूज हो जाते हो. TAN कार्ड इनकम टैक्स डिपार्टमेंट द्वारा जारी किया जाता है. इसे जारी करने के पीछे मकसद होता है टैक्स डिडक्शन की प्रोसेस को आसान बनाना.

यह भी पढ़ेंः बैंक की सेविंग अकाउंट में कितने पैसे रख सकते हैं? जानें जरूरी नियम और टैक्स

TAN कार्ड का पूरा नाम होता है टैक्स कलेक्शन अकाउंट (Tax Collection Account) नंबर. चलिए हम आपको बताते हैं कि TAN कार्ड क्या है.

क्या है TAN नंबर

TAN कार्ड में 10 डिजिट का अल्फा-न्यूमेरिक नंबर होता है जैसे की PAN कार्ड पर भी दिखता है. TAN कार्ड को भी इनकम टैक्स विभाग द्वारा जारी किया जाता है. इनकम टैक्स विभाग ऐसे सभी नागरिक जो कि TDS और TCS के दायरे में आते हैं उनके लिए टैन कार्ड जारी किया जाता है. आयकर अधिनियम 1961 की धारा 203A के अनुसार, आयकर विभाग ITD द्वारा निर्दिष्ट TAN नंबर (TAN नंबर) सभी TDS रिटर्न में देना आवश्यक है.

यह भी पढ़ेंः डीमैट खाता से लेकर APY तक, 1 अक्टूबर से बदल जाएंगे ये 4 बड़े नियम, जानें

TAN नंबर के बारे में जानकारी देने के लिए आयकर विभाग ने इसे अपनी वेबसाइट www.incometaxindia.gov.in सर्च के लिए बनाया है. जिससे पुराने TAN द्वारा नए TAN नाम सर्च किये जा सकते हैं.

आयकर विभाग अधिनियम 1961 की धारा 203A में कहा गया है कि TDS का भुगतान करने वाले सभी व्यक्तियों के पास TAN नंबर होना आवश्यक है. TAN नंबर एक 10-अंकीय अल्फ़ान्यूमेरिक संख्या है जो आयकर विभाग द्वारा निर्दिष्ट की जाती है. यदि वे ऐसा करने में विफल रहते हैं, तो उन्हें आयकर विभाग द्वारा 10,000 रुपये का जुर्माना देना होगा और साथ ही वे किसी भी बैंक के माध्यम से टीडीएस का भुगतान नहीं कर सकते हैं.

यह भी पढ़ेंः Bank FD कराने वालो के लिए खुशखबरी, अब मिलेगा ज्यादा ब्याज, जानें डिटेल्स

क्या है PAN और TAN में अंतर

PAN का मतलब परमानेंट अकाउंट नंबर है जबकि TAN का मतलब टैक्स डिडक्टिबल अकाउंट नंबर है. जिन लोगों के कर काटे गए हैं या जमा किए गए हैं, उनके पास TAN नंबर होना चाहिए. सभी टीडीएस संबंधित दस्तावेजों और आयकर विभाग से सभी टीडीएस संबंधित पत्राचार के लिए टैन नंबर का उल्लेख किया जाना चाहिए. पैन का उपयोग TAN संख्या के रूप में नहीं किया जा सकता है, लेकिन TAN होना चाहिए, भले ही कटौतीकर्ता के पास PAN हो. हालांकि, आयकर की धारा 194-IA के अनुसार, कटौती करने वाले के लिए भूमि और भवन की खरीद पर टैन होना आवश्यक नहीं है.

यह भी पढ़ेंः Bank Holidays in October 2022: अक्टूबर में 21 दिन बंद रहेंगे बैंक, देखें छुट्टियों की लिस्ट

कैसे बनेगा TAN कार्ड

टैन कार्ड के लिए अप्लाई करने के लिए आप फॉर्म 49B के जरिए ऑनलाइन या फिर ऑफलाइन तरह से अप्लाई कर सकते हैं. इसके लिए आपको पेमेंट करना होता है. पेमेंट का जरिया आप ऑनलाइन क्रेडिट कार्ड, डिमांड ड्राफ्ट, चेक या फिर नेट बैंकिंग रख सकते हैं. इसके अलावा आप ऑनलाइन भी टैन कार्ड के लिए अप्लाई कर सकते हैं. इसके लिए आपको NSDL की ऑफिशियल वेबसाइट पर विजिट करना होगा. जिसके जरिए आप कार्ड के लिए अप्लाई कर पाएंगे.