आपने कई बार ट्रेनों में सफर किया
होगा और कई अलग-अलग सीटों पर सफर किया होगा. हालांकि रिजर्वेशन (reservation) कराते वक्त टिकट पर
सीट नंबर और कौन सी सीट है यह लिखी होती है. लेकिन कुछ लोग इस बात को लेकर असमंजस में रहते हैं कि भारतीय रेलवे (Indian railway) में
कितनी तरह की सीटें हैं. अगर आप भी कुछ ऐसे ही कंफ्यूजन का सामना करते हैं तो हम
आपको बताते हैं कि, रेलवे में कितनी तरह
की सीटें होती हैं.
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अपर बर्थ – Upper Berth
ट्रेन में सफर
के दौरान हमें तीन बर्थ दिखाई देती हैं, सबसे पहले
हम सबसे ऊपर वाली बर्थ की बात करते हैं, जिसे हम
उपरी सीट या अपर बर्थ कहते हैं. आपको बता दें, स्लीपर क्लास में पांच तरह की सीटें मिलती हैं. सीटों के ऊपर होने के कारण
बुजुर्ग या वरिष्ठ नागरिकों द्वारा शायद ही कभी सीटें बुक की जाती हैं. आमतौर पर
यह सीट युवाओं द्वारा बुक की जाती है.
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मिडिल बर्थ – Middle Berth
बीच की सीट अपर बर्थ
और लोअर बर्थ के बीच स्थित होती है. बहुत कम लोग टिकट बुक करते समय मिडिल बर्थ का
विकल्प चुनते हैं क्योंकि इसके ऊपर अपर बर्थ और निचे लोअर लोअर बर्थ होते हैं,
जिससे किसी व्यक्ति के लिए मिडिल बर्थ में सही ढंग से
बैठना बहुत मुश्किल हो जाता है.रेलवे आमतौर पर इस सीट को 30 से 40 साल की उम्र के लोगों देने की कोशिश करता है.
लोअर बर्थ – Lower Berth
अक्सर ट्रेन में सफर करने वाले लोग
लोअर बर्थ बुक कराने की कोशिश करते हैं. क्योंकि इस पर लोगों को बैठने और लेटने
में आसानी होती है. रेलवे इस सीट को बुजुर्ग लोगों को ज्यादा देने की कोशिश करता
है क्योंकि उन्हें ऊपर-नीचे नहीं जाना पड़ता है.
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साइड अपर और साइड लोअर बर्थ – Side Upper & Side Lower Berth
ट्रेन में सफर के दौरान आपने देखा
होगा कि स्लीपर क्लास में अपर बर्थ,
मिडिल और लोअर बर्थ के अलावा साइड अपर और
साइड लोअर बर्थ की भी सुविधा होती है. साइड लोअर भी ज्यादातर वरिष्ठ नागरिकों या
किसी यात्री का आरएसी (RAC) टिकट होता है,
तो उन्हें
यह सीट दी जाती है. रेलवे की ओर से साइड अपर सीट 30 से 40 साल और
उससे ज्यादा उम्र के लोगों को दी जाती है.