कोई व्यक्ति अपनी कमाई में से कुछ पैसे सुरक्षित रखता है. सुरक्षित पैसे रखना जरूरी है क्योंकि आपको इसकी कभी भी जरूरत हो सकती है. लेकिन ऐसा होता है जब आपके पास ये पैसे होते हैं तो आप इसे खर्च कर देते हैं. लेकिन अब इसके लिए वह सेविंग अकाउंट या बचत खाते का इस्तेमाल करता है जिससे पैसे सुरक्षित भी होते हैं और जरूरत पड़ने पर वह मिल भी जाते हैं. बैंक अपने ग्राहकों को सेविंग अकाउंट की सुविधा देता है. देश के बैंकिंग सेवा में सेविंग अकाउंट खुलवाने की कोई लिमिट नहीं है. यानी कोई भी व्यक्ति कितने भी सेविंग अकाउंट खोल सकता है.

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वहीं, सेविंग अकाउंट में पैसे जमा कराने के लिए भी कोई लिमिट तय नहीं किया गया है. इसका मतलब है कि आप सेविंग अकाउंट में जितने चाहें पैसे जमा कर सकते हैं. हालांकि, जीरो बैलेंस अकाउंट को छोड़कर सभी सेविंग बैंक अकाउंट में मिनिमम बैलेंस रखना जरूरी होता है. बैंक सेविंग अकाउंट खुलवाने के लिए कम से कम राशि सुनिश्ति करता है.

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लाइव मिंट की एक‍ रिपोर्ट के अनुसार टैक्‍स और निवेश सलाहकार बलवंत जैन ने बताया है कि सेविंग अकाउंट में कोई भारतीय कितना भी पैसा रख सकता है. बचत खाते में पैसा जमा कराने पर आयकर कानून या बैंकिंग रेगुलेशन्‍स में कोई सीमा निर्धारित नहीं की गई है. साथ ही बैंक में पैसा जमा कराने पर बैंक किसी तरह का कोई शुल्‍क नहीं लेता, बल्कि जमाकर्ता को ब्‍याज देता है.

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हालांकि, बैंक के सेविंग अकाउंट में रखी राशि पर जो ब्याज दिया जाता है वह टैक्स के अंतर्गत आता है. बैंक 10 फीसदी TDS ब्याज पर काटता है. वहीं, इस पर भी टैक्स कटौती का लाभ लिया जा सकता है. इनकम टैक्स एक्ट की धारा 80टीटीए के मुताबिक सभी व्यक्ति 10 हजार तक की टैक्स छूट प्राप्त कर सकते हैं. वहीं 10 हजार रुपये से कम ब्याज पर टैक्स नहीं चुकाना होगा.

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आपको बता दें, अगर कोई सीनियर सीटिजन व्यक्ति है यानी 60 साल से अधिक उम्र वाले अकाउंट होल्डर को 50 हजार रुपये तक के ब्याज पर टैक्स नहीं देना होता है. अगर आपकी कुल सालाना आमदनी में उस ब्याज को मिलाने के बाद भी, आपकी सालाना आमदनी इतनी नहीं होती कि उस पर टैक्स देनदारी बन सके तो फिर आप फॉर्म 15 G जमा करके बैंक द्वारा काटे गए टीडीएस का रिफंड प्राप्‍त कर सकते हैं.