छठ पर्व, छठ या षष्ठी पूजा कार्तिक शुक्ल पक्ष के षष्ठी को मनाया जाने वाला महत्वपूर्ण हिन्दू पर्व है. सूर्योपासना का यह अनुपम लोकपर्व मुख्य रूप से उत्तर भारत में बड़ी ही हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है. छठ महापर्व कार्तिक शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि से शुरू हो जाता है और इसका समापन कार्तिक शुक्ल पक्ष की सप्तमी को होता है. छठ पूजा के दौरान पूर्वांचल, बिहार, झारखंड और उत्तर प्रदेश की ओर जाने वाली गाड़ियों में काफी भीड़ हो जाती है. हालांकि, त्योहारों के सीजन में इस भीड़ को देखते हुए भारतीय रेलवे (Indian Railways) कई विशेष ट्रेनों का संचालन करती है. इसी क्रम में इस बार भी छठ पूजा को देखते हुए रेलवे की तरफ से 250 से अधिक ट्रेनों का संचालन किया जा रहा है.

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रेलमंत्री ने बताई छठ पूजा को लेकर तैयारी

छठ पूजा के अवसर पर लोगों का आवागमन अपने घर की ओर बढ़ जाता है. ऐसे में रेलमंत्री अश्वनी वैष्णव (Ashwini Vaishnaw) ने बताया कि छठ पूजा को लेकर करीब 250 से अधिक ट्रेनों का संचालन किया जा रहा है, जिसमें 1.4 लाख बर्थों का इंतजाम है. ताकि किसी भी व्यक्ति को छठ पूजा के अवसर पर यात्रा करने में किसी भी प्रकार की कोई दिक्कत का सामना न करना पड़े. इसके साथ ही आवश्यकता के अनुसार और भी इंतजाम किए जा रहे हैं.

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छठ पूजा पर क्यों होती है इतनी भीड़?

पूर्वांचल क्षेत्र में छठ पूजा का विशेष महत्व माना जाता है. ऐसे में कोशिश भर में हर व्यक्ति छठ पूजा के अवसर पर अपने घर पहुंचता है. इसको लेकर ट्रेनों में भीड़ भाड़ बहुत ज्यादा बढ़ जाती है. यह व्रत सूर्य भगवान, उषा, प्रकृति, जल, वायु आदि को समर्पित माना गया है. इस त्यौहार को मुख्यत: बिहार में मनाया जाता है. इस व्रत को करने से नि:संतान दंपत्तियों को संतान सुख की प्राप्ति होती है. मान्यतानुसार यह व्रत संतान की रक्षा और उनके जीवन की खुशहाली के लिए किया जाता है. इस व्रत का फल सैकड़ों यज्ञों के फल की प्राप्ति से भी अधिक माना गया है. इस व्रत को धारण करने से सिर्फ संतान ही नहीं बल्कि परिवार में सुख समृद्धि आती है.