जो लोग अपने बुढ़ापे और रिटायरमेंट को लेकर चिंतित हैं वह अभी से इसके लिए प्लानिंग कर सकते हैं. रिटायरमेंट प्लानिंग करने वाले लोगों के लिए नेशनल पेंशन स्कीम (National Pension Scheme) महत्वपूर्ण योजनाओं में से एक हैं. इस योजना में पैसे निवेश करने से कई फायदे मिलते हैं. सबसे अच्छी बात ये है कि, इस योजना को केंद्र सरकार सपोर्ट करती है. वहीं, आपको इनकम टैक्स में छूट भी मिलता है. हालांकि, आपको इस योजना के बारे में किसी तरह का कंफ्यूजन है तो आपको सबसे पहले पूरी जानकारी ले लेनी चाहिए. क्योंकि अगर NPS अकाउंट खुलवाने में सावधानी नहीं रखी तो आपको टैक्स में छूट नहीं मिल पाएगा.

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पहले ये जान लीजिए कि, NPS योजना में दो तरह के अकाउंट खुलते हैं. एक होता है NPS टिअर-1 और दूसरा होता है NPS टिअर-2 ये दोनों अकाउंट में कई तरह की समानताएं होती है. लेकिन कुछ अंतर भी होता है.

रिटायरमेंट प्लान के हिसाब से टिअर-1 अकाउंट अच्छा विकल्प माना जाता है. ये उन लोगों के लिए है जिनका PF अकाउंट नहीं होता है और वह अपना रिटायरमेंट प्लान करना चाहते हैं. इसे ऐसे ही तैयार किया गया है. इसमें आप न्यूनतम 500 रुपये जमा कर अकाउंट खुलवा सकते हैं. रिटायरमेंट के बाद आप एक बार में 60 फीसदी तक रकम निकाल सकते हैं. बाकी 40 फीसदी रकम से एन्यूटीज खरीदी जाएंगी, जो मंथली पेंशन (Monthly Pension) के रूप में नियमित आय का साधन सुनिश्चित करता है.

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अब आपको टिअर-2 के बारे में बताते हैं. ये अकाउंट तभी खुलता है जब आप टिअर-1 अकाउंट खुलवाते हैं. आप बिना टिअर-1 अकाउंट खुलवाए टिअर-2 अकाउंट को नहीं खुलवा सकते हैं. टिअर-2 अकाउंट से एक सामान्य सेविंग अकाउंट जैसा होता है. जिसमें आप अपने मुताबिक, पैसे जमा और निकाल सकते हैं. इसे कम से कम 1000 रुपये से खुलावा सकते हैं. टिअर-1 में सालाना एक बार पैसा जमा कराना जरूरी होता है लेकिन टिअर-2 में ऐसी बात नहीं होती है.

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टिअर-1 अकाउंट पर आपको टैक्स में छूट दिया जाता है.अकाउंट होल्डर को इनकम टैक्स एक्ट 80सी के तहत 1.5 लाख रुपये तक और 80सीसीडी (1बी) के तहत 50 हजार रुपये के टैक्स डिडक्शन का लाभ मिलता है. हालांकि, टिअर-2 में ऐसी सुविधा नहीं होती है. हालांकि, साल 2019 से इसमें कुछ बदलाव किये गए है जिसमें केवल केंद्र सरकार के कर्मचारी ही टिअर-2 में टैक्स का लाभ ले सकते हैं.