आज जैसे जैसे हम विकास की ओर बढ़ रहे हैं, सारी
चीजें समिट कर एक स्मार्टफोन में कैद हो गई हैं. हमारी डेली लाइफ से संबंधित चीजों
के ऐप्स मौजूद हो गए हैं. जिनकी मदद से आप कोई भी काम कर सकते हैं. चाहे वह शॉपिंग
हो, बिल पेमेंट हो, पढ़ाई हो या फिर व्यापार हो सबकुछ ऐप्स में सिमट गया है. यह
टेक्नालॉजी जितना हमारे काम को आसान बनाती है. उतना ही हमारे लिए कई तरह की दिक्कतें
भी पैदा करती है. हैकर्स इन ऐप्स का गलत फायदा उठाते हैं. दरअसल, हैकर्स (Hackers) बड़ी ही चालाकी
से ऐप्स के साथ में कुछ लिंक्स को ऐड कर देते हैं. जिन्हें इन्स्टॉल करते ही ये
मैलवेयर आपकी डाटा चुरा लेते हैं. जिसके बाद हैकर्स आपके डाटा का गलत तरह से
इस्तेमाल करके, आपको कंगाल तक कर सकते हैं.

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ऐप डाउनलोड करते समय रखें इन बातों का ख्याल

जब भी आप गूगल प्ले स्टोर या ऐप स्टोर के
माध्यम से कोई भी ऐप डाउनलोड करें, तो सबसे पहले अच्छे से उस ऐप की पड़ताल जरूर कर
लें. क्योंकि कई ऐसे ऐप्स मौजूद होते हैं, जो देखने में तो विश्वसनीय लगते हैं लेकिन
वह आपकी प्राइवेसी के लिए काफी घातक साबित हो सकते हैं. तो ऐसे में किसी ऐप को
डाउनलोड करने से पहले उसकी रेटिंग और रिव्यूज को अच्छे से जरूर देख लें और इसके
साथ ही ऐप से संबंधित चेतावनी व संकेतों को जरूर जाने लें.

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 अपने फोन को
मैलवेयर अटैक से बचाने के लिए इन बातों का रखें ध्यान –

1. किसी भी प्रकार के ‘ऑप्टिमाइजिंग’ और ‘क्लीनिंग’ ऐप्स
को कभी भी इंस्टॉल न करें. ऐसे कई ऐप्स में मैलवेयर की पुष्टि की गई है.

2. किसी भी ऐप को डाउनलोड करने से पहले रेटिंग और
रिव्यूज की अच्छे से जांच करें. उसके बाद ही किसी ऐप को डाउनलोड न करें.

3. कई चलती फिरती साइट्स पर बहुत सारे ऐप्स के
विज्ञापन देखने को मिल जाते हैं. जो कि बहुत ही अट्रैक्टिव तरीके से डिजायन किए
जाते हैं. अक्सर यूजर्स उनको देखने के लिए क्लिक करते हैं और वह ऐप ऑटोमैटिक
डाउनलोड हो जाते हैं. इसलिए किसी भी अननोन लिंक पर कभी भी क्लिक न करें. यह खतरा
हो सकता है.

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4. ऐप डेवलपर्स Google Play Store विवरण में ऐप्स के सभी विवरणों का
उल्लेख करते हैं, जिसमें
ऐप अनुमतियां भी शामिल हैं. जिन्हें इसे आपके फोन पर काम करने के लिए एक्सेस करने
की जरूरत होती है. ऐसे में पूरी तरह से जांच पड़ताल करने के बाद ही उन्हें एक्सिस
की अनुमति प्रदान करें.

5. ऐप को देखते ही तुरंत कभी भी डाउनलोड नहीं
करना चाहिए. बल्कि उस ऐप से जुड़ी अन्य तमाम जानकारियों को क्रॉस चेक जरूर करना
चाहिए. खासकर ऐप की कंपनी का कि उसने पहले भी कोई बनाया है या नहीं. संतुष्टि होने
के बाद ही ऐप इन्स्टॉल करना चाहिए.

6. कई बार बहुत सारे सिमिलर नाम के ऐप्स देखने
को मिलते हैं. तो ऐसे में अच्छे से चेक कर लें कि कौन सा ओरिजिनल ऐप है. तब उसे
डाउनलोड करें.