आज के समय में ऑनलाइन काम में आप हमेशा ओटीपी (OTP) का नाम सुनते होंगे. बैंकिंग से लेकर कई तरह के चीजों के लिए सुरक्षा के दृष्टि से ओटीपी का इस्तेमाल किया जाता है. यानी वन टाइम पासवर्ड जो काफी सुरक्षित होता है. ओटीपी के बारे में जान लें कि ये केवल आपके पास होता है. इसके बारे में न भेजने वाली कंपनी जानती है और न किसी अन्य लोगों को मालूम होता है. ये केवल आपके पास होता है जो आपके पर्सनल मोबाइल या ईमेल पर आता है. कोई भी संस्थान इस ओटीपी को किसी भी शर्त पर किसी से भी साझा नहीं करने की अपील करती है. इसलिए कोई भी इसकी मांग करें तो आप उन्हें जवाब में ‘No’कहें.

यह भी पढ़ेंः Jio की इस सर्विस से हर महीने रिचार्ज कराने का झंझट खत्म, जानें इस्तेमाल का तरीका

कई बार देखा गया है कि फ्रॉर्ड करने वाले लोग झांसे में लेकर लोगों से ओटीपी की मांग करते हैं. जिसे साझा करते ही उन्हें काफी बड़ा नुकसान होता है. बैंकिंग से लेकर किसी भी अन्य चीजों में ओटीपी किसी भी शर्त पर साझा नहीं करना चाहिए. अगर उस संस्थान का अधिकारी भी इसकी मांग करता है तो ये अपराध माना जाता है.

हाल में कई ऐसे मामले आए हैं कि, जिसमें लोगों से किसी अन्य सामान्य काम के लिए लोगों को झांसे में लेते हैं और ओटीपी की मांग की जाती है. लेकिन वह ओटीपी किसी बैंकिंग कामों से जुड़ी होती है, जिसके साझा करने के बाद आपको अकाउंट से पैसे निकल जाते हैं.

यह भी पढ़ेंः अब रेलवे स्टेशन पर होगा Aadhaar और PAN कार्ड संबंधित काम, 200 स्टेशनों पर शुरू होगी CSC सर्विस

क्या है ओटीपी

जब हम नेट बैंकिंग के जरिए ऑनलाइन ट्रांजेक्शन करते हैं, तो मोबाइल रिचार्ज करने के लिए या फिर कुछ सामान खरीदने के लिए सभी डिटेल भरने के बाद सबसे आखिर में एक कोड आता है, जिसे हम ओटीपी (OTP) कहते हैं. इसके साथ ही किसी सामान्य ऐप में वैरिफिकेशन ओटीपी के जरिए की जाती है. ओटीपी एक सिक्योरिटी कोड है, जो 6 अंकों का होता है और इसका इस्तेमाल ऑनलाइन ट्रांजेक्शन या वैरिफिकेशन करने के लिए किया जाता है.

यह भी पढ़ेंः क्या है आचार संहिता? जो यूपी, पंजाब समेत पांच राज्यों में की गई है लागू

एक बार इस्तेमाल के बाद ओटीपी बेकार हो जाता है

जब हम किसी भी वेबसाइट में अपना अकाउंट बनाते हैं, तो हम अपना यूजरनेम और पासवर्ड क्रिएट करते हैं. हम जो पासवर्ड क्रिएट करते हैं, वह बहुत ही सरल रखते हैं. इससे हमें हैकर्स से खतरा होता है, क्योंकि वे आसानी से हमारे पासवर्ड को हैक करके हमारा डिटेल चुरा सकते हैं. इसलिए बैंक, ई-कॉमर्स कंपनियां या अन्य ऑनलाइन बिजनेस करने वाले संस्थान आजकल वन टाइम पासवर्ड (ओटीपी) का इस्तेमाल करना शुरू कर दिए हैं, जो एक बार यूज होने के बाद बेकार हो जाता है. यह ओटीपी आपके अकाउंट को सेफ रखने के साथ ही आपके डेटा और निजी जानकारियों को भी सुरक्षित रखता है.

सुरक्षित है ओटीपी

ओटीपी की खासियत यह है कि इससे जो कोड जेनरेट होता है, उसका इस्तेमाल केवल एक बार ही किया जाता है. वह सिर्फ एक समय के लिए वैध होता है. अगर उस समय के अंदर हमने कोड का इस्तेमाल नहीं किया, तो वह कोड हमारे किसी काम का नहीं रहता. यानी हम जितनी बार भी ऑनलाइन लेनदेन करते हैं, उतनी बार कोड या ओटीपी जेनरेट होता है, जिससे हमारा अकाउंट पूरी तरह से सुरक्षित रहता है.

यह भी पढ़ेंः Indian Railways: यात्रा के दौरान सामान चोरी होने पर रेल देती है मुआवजा, जानिए क्या है नियम