भारत की अब तक की सबसे बड़ी एयरवेव
नीलामी आज समाप्त हो गई, समाचार एजेंसी
प्रेस ट्रस्ट ऑफ इंडिया के अनुसार, कुल 1.5 लाख करोड़ रुपये से अधिक के स्पेक्ट्रम की बिक्री हुई. मुकेश
अंबानी की Jio ने इस पुरे नीलामी में सबसे अधिक की
बोली लगाई. भारत में 5G
स्पेक्ट्रम की नीलामी 26 जुलाई को
शुरू हुई, जिसमें लगभग 72,000
MHz के नौ बैंड के तहत 20 साल की
वैधता अवधि के साथ नीलाम हुई है. 

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पीटीआई की रिपोर्ट्स
के मुताबिक 1,50,173 करोड़ रुपये तक की पूरी बोली लगाई गई है. नीलामी
सात दिनों तक चली और आज दोपहर समाप्त हुई. अल्ट्रा-हाई स्पीड मोबाइल इंटरनेट
कनेक्टिविटी की पेशकश करने में सक्षम 5G स्पेक्ट्रम
से संग्रह, पिछले साल बेचे गए 77,815 करोड़ रुपये के 4G एयरवेव से
लगभग दोगुना और 3G स्पेक्ट्रम
के 50,968.37 करोड़ रुपये का लगभग तिगुना
है. 2010 में 3G एयरवेव की नीलामी की गयी थी.

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रिलायंस जियो, भारती एयरटेल, वोडाफोन आइडिया और गौतम अडानी के
अडानी डेटा नेटवर्क्स ने 5जी स्पेक्ट्रम के
लिए बोली लगाई थी. रिपोर्टों के अनुसार प्रतिद्वंद्वी रिलायंस जियो और भारती
एयरटेल मुख्य रूप से यूपी ईस्ट सर्कल के लिए प्रतिष्ठित 1,800 MHz  फ्रीक्वेंसी के
लिए दमदार बोली लगाने में लगे हुए थे. किस कंपनी ने कितना स्पेक्ट्रम खरीदा, इसका
ब्योरा नीलामी के आंकड़ों के पूरी तरह संकलित होने के बाद ही पता सकेगा.

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जल्द शुरू हो सकती है 5G की सेवा  

माना जा रहा है कि टेलीकॉम कंपनियों
को 5जी स्पेक्ट्रम आवंटन के बाद अक्टूबर 2022 में देश के कई बड़े शहरों में 5जी मोबाइल
सेवा शुरू की जा सकती है. हालांकि,
5जी मोबाइल सेवा शुरू होने के बाद मोबाइल
टेलीफोनी और इंटरनेट की दुनिया बदल जाएगी. . एक अनुमान के मुताबिक 5जी की
स्पीड 4जी से 10 गुना ज्यादा हो सकती है.