5G Connectivity In Flight: आज के समय में अगर पास में मोबाइल (Mobile Use In Flight) न रहे, तो ऐसा लगता है जैसे की हम दुनिया से ही कट गए हैं. जब हम फ्लाइट में यात्रा करते हैं, तो हमारे फोन्स को फ्लाइट मोड (Flight Mode Service In Plane) में करा दिया जाता है. जिससे कि हम कॉल से लेकर इंटरनेट सुविधाओं का लाभ नहीं उठा पाते हैं और हमारा सफर बोरिंग सा हो जाता है. लेकिन आपको जल्द ही प्लेन में कॉल व इंटरनेट का इस्तेमाल करने की सुविधा (Calling And Internet Services In Flight) मिल सकेगी. वो भी 5जी नेटवर्क के साथ. इसके लिए यूरोपियन कमीशन की तरफ से तैयारी की जा रही है. 

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एक रिपोर्ट के मुताबिक, ऑर्गेनाइजेशन ने बताया है कि इससे इनफ्लाइट 5G के लिए कुछ स्पेक्ट्रम उपलब्ध करवाए जाएंगे. पैसेंजर्स ऑन-बोर्ड पिको-सेल बेस स्टेशन से कनेक्ट कर सकेंगे. इससे ग्राउंड बेस्ड नेटवर्क को सैटेलाइट के जरिए जोड़ दिया जाएगा. माना जा रहा है इस कनेक्टिविटी से पैसेंजर्स को कॉल्स, टेक्स्ट और डेटा करने की फैसिलिटी मिल सकेगी.

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यात्रियों का सफर शानदार बनाएगा इनफ्लाइट 5G

EU कमिशनर Thierry Breton की मानें, तो 5G लोगों के लिए इनोवेटिव सर्विस और यूरोपियन कंपनियों के लिए नए अवसर को खोलने का काम करेगा. हालांकि, उन्होंने साफ नहीं किया कि फ्लायर्स के लिए 5G सर्विस की सुविधा कब से उपलब्ध करवाई जाएगी. लेकिन कुछ भी हो इस सर्विस के लागू होने से यात्रियों का सफर काफी खास हो जाएगा. बता दें कि पहले हवाई यात्रा के दौरान पैसेंजर्स को अपना डिवाइस एरोप्लेन मोड में रखना पड़ता था. लेकिन पिछले कुछ समय से नियमों में कुछ ढील दी गई है.

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इस सन् में नियमों में किया गया था बदलाव

आपको बता दें कि साल 2014 में यूरोपियन यूनियन एविएशन सेफ्टी एजेंसी ने अपने गाइडेंस को अपडेट किया था. जिसकी वजह से पैसेंजर्स को सेफ्टी मोड में मोबाइल रखने की जरूरत नहीं होती थी. गौरतलब है कि Airplane Mode सेलुलर कनेक्टिविटी को लिमिट कर देता है. लेकिन, Wi-Fi और ब्लूटूथ जैसे वायरेलस टेक्नोलॉजी जारी रहती है. माना जा रहा है कि Inflight 5G की वजह से सेफ्टी इश्यू नहीं आएगी. इसके पीछे कारण दिया गया है कि इसके लिए कॉकपिट से अलग फ्रीक्वेंसी को इस्तेमाल किया जाएगा.