विजय कुमार यादव एक भारतीय जूडो (Judo) खिलाड़ी हैं. उनका जन्म 26 अप्रैल 1996 को हुआ था. वह वाराणसी से 22 किमी दूर महरिया
गांव के रहने वाले हैं.गांव में उनके पिता वेल्डिंग की दुकान चलाते हैं. विजय ने अपने जूडो सफर की शुरुआत उत्तर
प्रदेश क्षेत्रीय खेल स्टेडियम से किया था. उन्होंने भारतीय खेल प्राधिकरण (SAI) के स्टेडियम, लखनऊ में जूडो में प्रशिक्षण प्राप्त किया.
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उन्होंने उत्तर प्रदेश का नेतृत्व करते हुए राज्य के लिए कई राष्ट्रीय स्तर के पदक जीते हैं. लेकिन उनका पहला अंतरराष्ट्रीय पदक साल 2012 में आया
जब उन्होंने ताइपे युवा एशियाई चैंपियनशिप में रजत पदक जीता. अगले वर्ष, उन्होंने
फिर से अपनी प्रतिभा दिखाई और चीन में चीन में युवा एशियाई चैंपियनशिप में कांस्य
पदक जीता.
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एक कैडेट के रूप में, उन्होंने
एशियाई कैडेट चैंपियनशिप में पदक जीते, और एक वरिष्ठ के रूप में, वह 2017 में
पांचवें स्थान पर थे. उन्होंने IJF वर्ल्ड
टूर में भी भाग लिया. 2018 में विजय का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन हुआ क्योंकि उन्होंने
रैंकिंग में एक बड़ी छलांग लगाई और दिसंबर 2017 में दुनिया में 60 से, उन्होंने 2018 को विश्व
नंबर 22 के रूप में समाप्त किया. हालांकि, उस वर्ष एशियाई चैंपियनशिप में पांचवें
स्थान पर रहने के बाद, उन्हें जकार्ता में 2018 एशियाई खेलों में पदक से संतोष करना
पड़ा.
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2019 में आखिरी राष्ट्रीय चैंपियनशिप
में उनको बड़ा झटका लगा. पांच साल में पहली बार उन्हें सेना के गुलाब अली ने 60
किग्रा के खिताबी मुकाबले में हराया था. साल की शुरुआत में उनकी विश्व रैंकिंग
गिरकर 150 रह गई थी. लेकिन इससे विजय का हौसला नहीं टूटा और वह खुद को साबित करते
हुए वापस लौटे. उन्होंने 2019 में वॉलसाल और 2018 में जयपुर में कॉमनवेल्थ चैंपियनशिप
जीती. वह सीनियर और जूनियर में मल्टीपल इंडियन चैंपियन हैं. उन्हें साल 2019 में
लक्ष्मण राज्य पुरस्कार से सम्मानित किया गया.