भारतीय महिला क्रिकेट (Indian Women Cricket) दिग्गज झूलन गोस्वामी (Jhulan Goswami) 24 सितंबर 2022 को आखिरी बार मैदान पर उतरेंगी. झूलन गोस्वामी ने संन्यास लेने का फैसला किया है. इस साल की शुरुआत में मिताली राज ने भी संन्यास लिया था. इंग्लैंड (England) में खेली जा रही सीरीज में भारत पहले ही सीरीज 2-0 से जीत चुका है. और अब लॉर्ड्स (Lords) के ऐतिहासिक मैदान पर भारतीय टीम जीत के साथ झूलन को विदाई देना चाहेगी.

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19 साल की उम्र में किया डेब्यू

19 साल की छोटी उम्र में झूलन ने 2002 में अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में डेब्यू किया. उन्होंने चेन्नई में इंग्लैंड के खिलाफ अपना पहला एकदिवसीय मैच खेला. 14 जनवरी 2002 को, उन्होंने लखनऊ में इंग्लैंड के खिलाफ खेल के लंबे प्रारूप में डेब्यू किया. दाएं हाथ से बल्लेबाजी करते हुए और मध्यम गति की गेंदबाजी करते हुए, उन्होंने एक ऑलराउंडर के रूप में उदाहरणात्मक प्रदर्शन किया. उन्होंने भारतीय बल्लेबाज मिताली राज के साथ 2006-07 सीज़न में इंग्लैंड के खिलाफ अपनी पहली टेस्ट सीरीज़ जीत के लिए भारतीय टीम की शुरुआत की. उसी दौरान, उन्होंने एक पूर्ण ऑलराउंडर के रूप में अपनी क्षमता का प्रदर्शन किया.

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बनी ICC विमेंस प्लेयर ऑफ़ द ईयर

झूलन की करियर पर नजर डालें तो उन्होंने कई रिकॉर्ड अपने नाम किए हैं. झूलन के नाम महिला वनडे क्रिकेट में सबसे ज्यादा विकेट लेने का रिकॉर्ड है. ICC की रैंकिंग में गेंदबाजी में झूलन नंबर वन रह चुकी हैं. रिटायरमेंट के समय भी वह पांचवें नंबर पर हैं. 2007 में, उन्हें ICC विमेंस प्लेयर ऑफ़ द ईयर से नामित किया गया था. ऐसा करने वाली वह पहली भारतीय महिला क्रिकेटर थीं.

झूलन ने 2007 में पुरस्कार प्राप्त करने के बाद कहा था, “भारत का पुरुष वर्ग में कोई नामांकन नहीं था. इसलिए यह जीत मेरे लिए और भी खास है. महिला क्रिकेट के लिए यह पुरस्कार बहुत महत्वपूर्ण है. महिला क्रिकेट धीरे-धीरे बढ़ रहा है. हमें मीडिया में कवरेज मिल रही है. लड़कियां क्रिकेट में आगे आएंगी.”

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महिला विश्व कप 1997 फाइनल में थीं बॉल गर्ल

झूलन ने यह भी बताया कि कैसे ईडन गार्डन में ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड के बीच 1997 के महिला विश्व कप फाइनल ने उन्हें भारत के लिए खेलने के लिए प्रेरित किया. इस मैच को करीब 90,000 लोगों ने देखा. इस बारे में उन्होंने कहा, “1997 में, मैं ईडन गार्डन्स में बॉल गर्ल थी, जहां मैंने अपना पहला महिला विश्व कप फाइनल देखा था. उस दिन से मेरा सपना भारत का प्रतिनिधित्व करने का था.”