टीम इंडिया के स्टार स्पिनर रविचंद्रन अश्विन (Ravichandran Ashwin) ने आईपीएल 2019 के दौरान जॉस बटलर को मांकडिंग (Mankading) किया था, जिसपर खूब हो हल्ला मचा था. अब एक बार फिर मांकडिंग को लेकर बवाल मचा हुआ है. इस बार ये काम भारतीय महिला क्रिकेट टीम की ऑलराउंडर दीप्ति शर्मा (Deepti Sharma) ने किया है. वो भी क्रिकेट के ‘मक्का’ कहे जाने वाले मैदान लॉर्ड्स में. भारतीय महिला टीम और इंग्लैंड के बीच इस तीसरे व सीरीज के अंतिम ODI मुकाबले में इंग्लैंड को जीत के लिए 17 रन की दरकार थी और उनका सिर्फ एक विकेट बाकी था. तभी गेंदबाजी करने आईं स्पिनर दीप्ति शर्मा ने 47 रन बनाकर खेल रहीं शार्लेट डीन (Charlotte Dean) को मांकडिंग (रन आउट) कर दिया. शार्लेट इस तरह से आउट होने के बाद रोने लगीं और तबसे हर तरफ इसी की चर्चा है. 

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मांकडिंग का जब भी नाम आता है लोगों को रविचंद्रन अश्विन की याद आ जाती है. ऐसा ही 24 सितम्बर की रात को भी हुआ. भारतीय महिला टीम ने इंग्लैंड के खिलाफ 3-0 से सीरीज जीतकर अपना आखिरी मैच खेल रहीं झूलन गोस्वामी को एक यादगार विदाई दी. लेकिन दीप्ति शर्मा और झूलन गोस्वामी से ज्यादा ट्रेंड आर अश्विन कर रहे थे. इसपर अश्विन ने दीप्ति को टैग करते हुए ट्वीट किया, ” आप अश्विन क्यों ट्रेंड करा रहे हैं? आज की रात तो एक दूसरी बॉलिंग हीरो दीप्ति शर्मा के बारे में है.”

पहले बल्लेबाजी करते हुए भारत ने 45.4 ओवर में 10 विकेट खोकर 169 रन बनाए थे. जवाब में इंग्लैंड की टीम 43.4 ओवर में 10 विकेट खोकर सिर्फ 153 रन ही बना सकी और मुकाबला हार गई. ऑलराउंडर दीप्ति शर्मा ने नाबाद 68 रन की पारी खेलकर पहले टीम को सम्मानजनक स्कोर तक पहुंचाया और इसके बाद गेंदबाजी करते हुए एक विकेट चटकाया. साथ ही वो निर्णायक व विवादित रन आउट भी किया. पेसर रेणुका सिंह ने भी चार विकेट चटकाए.  

क्या होती है मांकडिंग

अगर दूसरे छोर पर खड़ा बल्लेबाज गेंदबाज के हाथ से गेंद छूटने से पहले ही क्रीज से बाहर निकल जाए और उसे गेंदबाज रन आउट कर दे तो इसे मांकडिंग कहते हैं. इस तरीके से रन आउट करने को ‘खेल की भावना’ के खिलाफ माना जाता है. हालांकि, मेरिलबोन क्रिकेट क्लब (MCC) ने नियमों में बदलाव कर इसे हरी झंडी दे दी है. 

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इसे मांकडिंग क्यों कहते हैं

मांकडिंग शब्द का इस्तेमाल भारत के दिग्गज ऑलराउंडर वीनू मांकड (Vinoo Mankad) के नाम पर होता है. साल 1947-48 में भारत के ऑस्ट्रेलिया दौरे के दौरान उन्होंने ही अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में इस तरीके से पहली बार किसी खिलाड़ी को पवेलियन पहुंचाया था. दूसरे टेस्ट मुकाबले के दौरान वीनू मांकड गेंद डाल रहे थे. ऑस्ट्रेलिया के बिल ब्राउन नॉन-स्ट्राइकर एंड पर बल्लेबाजी कर रहे थे. इसी बीच वीनू ने देखा कि ब्राउन उनके गेंद फेंकने से पहले ही रन लेने के लिए अपने छोर से बाहर निकल जाते हैं. लिहाजा उन्होंने बिना देरी किए गेंद डालने की जगह अपने छोर की गिल्लियां बिखेर दी थी. तभी से इस तरह आउट करने को मांकडिंग नाम से जाना जाता है.

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मांकडिंग अब आधिकारिक रूप से रन आउट है

मेरिलबोन क्रिकेट क्लब ने मांकडिंग आउट के नियम में बदलाव किया है. इस नियम को 41 (अनफेयर प्ले) से 38 (रन आउट) में शिफ्ट कर दिया गया है. इसके मुताबिक यदि गेंदबाज के बाॅल डालने से ठीक पहले नॉन स्ट्राइकर अपनी क्रीज से बाहर निकलता है और बाॅलर स्टम्पस पर बॉल थ्रो करते हुए उसे आउट करता है तो नॉन स्ट्राइकर को रन आउट (मांकडिंग) करार दिया जाएगा. पहले ये रनआउट की कैटेगरी में नहीं था. यदि इस तरह के रनआउट में अपील नहीं की जाती है तो अंपायर इसे डेड बॉल करार दे सकते हैं.