हम अक्सर ट्रेन (Train) से सफर करते हैं. ट्रेन छूट न जाए इसलिए हम समय से पहले रेलवे स्टेशन (Railway Station) पहुंच जाते हैं. जब ट्रेन स्टेशन पर आती है, तो अधिकांश ट्रेनों में कोचों का क्रम एक जैसा होता है. ट्रेन के ठीक बीच में पहले इंजन, फिर जनरल कोच (Coach), फिर कुछ स्लीपर कोच और फिर एसी कोच लगाए जाते हैं. इसके बाद फिर स्लीपर कोच और फिर कुछ और जनरल कोच और अंत में गार्ड रूम कोच. ऐसे में आपके मन में यह सवाल जरूर आता होगा कि AC कोच को स्लीपर कोच के आगे या बाद में क्यों लगाया जाता है? अगर आप इस सवाल का जवाब नहीं जानते हैं तो आज हम इस सवाल का जवाब देने की कोशिश करेंगे.

यह भी पढ़ें: इन गलतियों के चलते आपको नहीं मिलता ट्रेन का Confirm Ticket, तुरंत सुधारें

एसी कोच और लेडीज कंपार्टमेंट ट्रेन के बीच में होते हैं

आपको बता दें, ट्रेन में डिब्बों का यह क्रम यात्रियों की सुरक्षा और सुविधा को ध्यान में रखकर व्यवस्थित किया जाता है. एसी कोच और महिला डिब्बे को ट्रेन के बीच में रखा जाता है. वहीं, इंजन के ठीक बगल वाले कोच का इस्तेमाल सामान रखने के लिए किया जाता है, इसलिए इसे लगेज कोच भी कहा जाता है. इसकी एक और वजह ये भी बताई जाती है कि ऐसा इसलिए भी किया जाता है ताकि एसी कोच में बैठने वाले यात्रियों को ज्यादा परेशानी ना हो.

यह भी पढ़ें: सबसे लंबी ट्रेन का सफर होता है खतरनाक, 20 घंटे के सफर में भी नहीं होती बैठने की जगह

एसी कोच के सामने होता है रेलवे स्टेशन का एग्जिट गेट  

इन सबके अलावा रेलवे स्टेशन पर निकास द्वार स्टेशन के बिल्कुल बीच में है. ऐसे में जब भी कोई ट्रेन स्टेशन पर रुकती है तो एसी कोच के यात्रियों को स्टेशन से बाहर निकलने का पहला मौका मिलता है यानी स्टेशन पर यात्रियों की भीड़ बढ़ने से पहले एसी कोच के यात्रियों को बाहर निकलने का मौका मिल जाता है. इन्हीं वजहों से ट्रेन के बीच में एसी कोच क्यों लगाए जाते हैं.