गुजरात से एक ऐसा मामला सामने आया है जो आपने ना तो कभी देखा होगा ना ही सुना होगा. वडोदरा की रहने वाली 24 वर्षीय क्षमा बिंदु (Kshama Bindu) 11 जून को खुद से शादी करेंगी, और ऐसा करने वाली वे भारत की पहली महिला बनेंगी. इस अनूठी शादी में मेहमान होंगे, परिवार होगा, दोस्त होंगे, खाना-पीना होगा लेकिन दुल्हा नहीं होगा. इस तरह की शादी को सोलोगैमी शादी कहते हैं जो मोनोगैमी यो पोलिगैमी की ही तरह आम शब्द है. चलिए आपको इसका मतलब बताते हैं.

यह भी पढ़ें: खुद से ही शादी करने जा रही है गुजरात की ये लड़की, अकेले हनीमून भी मनाएगी

क्या होता है सोलोगैमी का मतलब? 

सोलोगैमी का मतलब होता है कि किसी व्यक्ति का खुद से ही शादी करना. सोलोगैमी को ओटोगैमी भी कहा जा सकता है. सोलोगैमी को अपनाने वालों केम मुताबिक, यह खुद को मूल्यवान समझने और खुद से प्यार करने का एक तरह का कदम होता है. इसे सेल्फ मैरिज यानी खुद से शादी करना कहते हैं.

महिलाओं में क्यों बढ़ रहा है सोलोगैमी का क्रेज?

1. कई महिलाएं सोलोगैमी को इसलिए अपनाती हैं क्योंकि वे मानती हैं कि खुद से प्यार करना किसी पार्टनर को प्यार करने से बेहतर होता है.

2. कई महिलाओं के लिए सोलोगैमी का मतलब खुद से प्यार करना और खुद के लिए अपने जीवन को समर्पण कर देना होता है.

यह भी पढ़ें: शाहरुख खान के बाद कैटरीना कैफ हुईं कोरोना पॉजिटिव, ये सितारे भी चपेट में आए

3. ऐसी बहुत सी लड़कियां हैं जो लड़कों से शादी नहीं करना चाहती हैं लेकिन दूसरी लड़कियों की तरफ भी अट्रैक्ट नहीं होती हैं इसलिए सोलोगैमी को अपनाती हैं.

4. किसी सही लड़के की तलाश में गलत परिणाम पाने वाली लड़कियां भी थककर सोलोगैमी अपनाकर खुद के साथ जीवन बिताना पसंद करती हैं.

5. सालों से चली आ रही मान्यताओं का विरोध करने वाली लड़कियां जब सेल्फ डिपेंडेड हो जाती हैं तो वे सोलोगैमी शादी करके अकेले रहना पसंद करती हैं.

यह भी पढ़ें: Kartik Aryan फिर हुए कोरोना पॉजिटिव, बोले-सब अच्छा चल रहा था लेकिन..