देवभूमि (Devbhoomi) कहा जाने वाला हिमाचल प्रदेश (Himachal Pradesh) अपने प्राचीन मंदिरों और प्राकृतिक सुंदरता की वजह से देशभर में जाना जाता है. यहां पर देवी-देवताओं के असंख्य मंदिर हैं, जिनमे कई प्राचीन मंदिर शामिल हैं. हिमाचल प्रदेश में कुल्लू की सैंज घाटी में भी एक ऐसा मंदिर है, जो प्रेमी युगलों के लिए वरदान है. शांघड़ गांव में स्थित शंगचुल महादेव मंदिर के बारे में कहा जाता है कि घर से भागे प्रेमी जोड़े को शरण दी जाती है. ‘herzindagi.com’ के लेख के अनुसार, किसी भी जाति-समुदाय के प्रेमी युगल अगर शंगचुल महादेव (Shangchul Mahadev) की सीमा में पहुंच जाते हैं. तो इनका कोई कुछ भी नहीं बिगाड़ सकता. यह मंदिर इन युगलों के लिए सबसे सुरक्षित स्थान है. यहां कई हजार लोग दर्शन करने के लिए आते हैं.

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शंगचुल महादेव मंदिर में घर से भागे प्रेमी जोड़ों को मिलती है शरण

इस प्राचीन मंदिर (Temple) के बारे में बताया जाता है कि मंदिर का महाभारत काल से संबंध है. ऐसा माना जाता है कि शंगचुल महादेव मंदिर में घर से भागे प्रेमी जोड़ों को शरण मिलती है. मान्यता है कि समाज से ठुकराए गए और घर से भागकर प्रेमी जोड़ों की रक्षा इस मंदिर में खुद महादेव करते हैं. यह मंदिर लगभग 128 बीघा में फैला हुआ है.मंदिर के आसपास का मैदान चीड़ के घने पेड़ों से घिरा हुआ है.

कहा जाता है कि अज्ञातवास के दौरान पांडव यहां कुछ समय के लिए आए थे. कौरव उनका पीछा करते हुए यहां पहुंच गए थे.

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तब शंगचुल महादेव ने कौरवों को रोककर कहा कि यह मेरा क्षेत्र है, जो भी मेरी शरण में आया है. उसका कोई भी कुछ नहीं बिगाड़ सकता.उसके बाद महादेव के डर से कौरव वापस लौट गए.

तभी से ऐसी मान्यता है कि जो भी शंगचुल महादेव मंदिर के में आएगा. उसको महादेव का शरणार्थी माना जाएगा और उसको कोई भी किसी भी प्रकार की हानि नही पहुंचा सकता. उसको महादेव का शरणार्थी माना जाएगा. ऐसे प्रेमी जोड़े जिनके प्रेम को समाज और परिजनों ने स्वीकार नहीं किया हो. उन्हें इस मंदिर में शरण मिलती है और वे यहां सुरक्षित रहते हैं.

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पुलिस के आने पर प्रतिबंध

आपको जानकारी के लिए बता दें कि आज के समय में भी यहां रहने वाले लोग उसी विरासत के नियम का पालन करते हैं. शांघड़ गांव में पुलिस के आने पर प्रतिबंध लगा हुआ है.

शराब, सिगरेट पर प्रतिबंध

इसके साथ ही कोई भी यहां चमड़े का सामान, सिगरेट और शराब लेकर नहीं जा सकता है. इसके अलावा यहां घोड़े का प्रवेश भी वर्जित है. यहां कोई भी झगड़ा या फिर तेज आवाज में बात नहीं कर सकता है. यहां भागकर आए प्रेमी युगल के मामले जब तक निपट नहीं जाते हैं. तब तक मंदिर के पंडित प्रेमी युगल की खातिरदारी करते हैं.

Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ओपोई इसकी पुष्टि नहीं करता है.

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