एक हवाई जहाज को चलाने के लिए प्लेन में दो
पायलट मौजूद होते हैं. जी हां, एक चीफ पायलट औऱ दूसरा सहयोगी पायलट या को-पायलट भी
कह सकते हैं. एक हवाई जहाज में दो पायलट होने की मुख्य वजह यात्रियों की सुरक्षा
को माना जाता है. लेकिन अगर आपको पता चलें की दोनों पायलटों को एक ही समय में खाने
के लिए अलग अलग भोजन दिया जाता है. तो यह बात सुनकर तो हर किसी का हैरान होना
लाजमी है, लेकिन यह सच है. हालांकि यह किसी प्रकार का भेदभाव नहीं है, बल्कि ऐसा
करने के पीछे एक बड़ी वजह है, तो चलिए आपको बताते हैं कि वह वजह आखिर क्या है.

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दरअसल जब बात अपने यात्रियों की सुरक्षा की हो,
तो एयरलाइंस कंपनियां इसमें जरा सा भी रिस्क न लेकर पूरा फोकस अपने यात्रियों की सुरक्षा
पर रखती हैं. जिसके लिए उनकी ओर से अपनी कुछ पॉलिसी बनाई जाती है. जिसके तहत जब भी
किसी पायलट और को-पायलट को खाना दिया जाता है,  तो वह कभी भी एक जैसा नहीं
दिया जाता है. यहां तक कि उन दोनों ही पायलटों के लिए खाना अलग-अलग जगहों पर बनाया
जाता है. आपको यह सुनने में थोड़ा अजब जरूर लग सकता है, लेकिन इसके पीछे का कारण
बहुत बड़ा है.

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पायलटों को एक जैसा खाना न देने की मुख्य वजह
यह है कि, अगर मान लीजिए कि खाने में कुछ भी गड़बड़ी हो जाती है और दोनों ही पायलट
फूड प्वॉइज़निंग जैसी दिक्कत का शिकार हो जाते हैं, तो ऐसी स्थिति में विमान
अनियंत्रित हो सकता है और उसे संभालने के लिए हमारे पास कोई विकल्प नहीं होगा और जिसके
चलते कोई बड़ी अनहोनी हो सकती है और तमाम यात्रियों की जान पर बन सकती है. इसलिए
इस तरह की समस्या से बचने के लिए ही दोनों पायलटों को अलग अलग भोजन सर्व किया जाता
है.