आज के समय में लड़के, लड़कियां हर कदम पर साथ चलने को तैयार है. ऐसे में दोनों के बीच भेदभाव करना गलत है लेकिन माता-पिता को बचपन से ही अपनी लड़कियों को कुछ ऐसी चीजें सिखानी चाहिए जिससे वें अपने भविष्य में ना केवल खुद के लिए स्टैंड ले सकें बल्कि अपने उज्जवल भविष्य को बनाने में अग्रसर हो सकें. आज हमारा यह लेख आपको इसी के बारे में बताने जा रहा है कि माता-पिता अपने बच्चों को कौन-कौन सी चीजें बता कर उनके आत्मविश्वास को बढ़ा सकते हैं जिससे आने वाले वाले भविष्य के लिए तैयार हो सकती हैं.

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बेटियों के लिए जरूरी 6 चीजें

1. खुद की देखभाल करना

ज्यादातर घरों में लड़कियां खुद पर ध्यान ना देने के बजाय पूरे परिवार, बच्चे, माता पिता, पति आदि पर ध्यान देती है. ऐसे में हर माता-पिता को अपनी बेटी को यह जरूर सिखाना चाहिए, कि वह पहले अपना ख्याल रखें जब वह खुद तंदुरुस्त होंगी तभी वह दूसरों का ख्याल रख सकेंगी. ऐसे में बेटियों के लिए पहली सीख होना चाहिए कि वह खुद का ख्याल रखें.

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2. आत्मनिर्भर बनना है जरूरी

शादी से पहले माता पिता पर निर्भर रहना और शादी के बाद पति पर निर्भर रहना बेटियों के स्वाभिमान को ठेस पहुंचाता है. ऐसे में आत्मनिर्भर बनाना भी माता-पिता की जिम्मेदारी होती है. बेटियों को बताएं कि जब आत्मनिर्भर बनेगी तो वह अपने लिए न केवल अपने लिए इज्जत कमा सकेंगे बल्कि वह लोग द्वारा महत्व भी पा सकेंगी. ऐसे में बेटियों के लिए दूसरी सबसे महत्वपूर्ण सीख होनी चाहिए आत्मनिर्भर बनना.

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3. खुद के लिए लड़ना है जरूरी

बीते कई सालों से हमारी सोसाइटी और समाज में कई ऐसे मामले देखे गए जहां बेटियों या महिलाओं की आवाज दबा दी जाती है. उदाहरण के तौर पर यदि किसी लड़के ने कोई गलत कमेंट किया तो ऐसे में सारी जिम्मेदारी लड़कियों के ऊपर डाल दी जाती है और घर में छुप कर बैठने के लिए जाता है. ऐसे में हर माता-पिता के लिए जरूरी है कि वह अपनी लड़कियों को खुद के लिए लड़ना सिखाएं. जब लड़कियां खुद के लिए आवाज उठा सकेंगी तभी वह अपने हित के लिए बोले बोलेंगी और खुद के लिए खड़े होंगे ऐसे में बेटियों के लिए तीसरी सबसे बड़ी सीख है कि वह खुद के लिए लड़ना सीखे.

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4. अपने फैसले खुद लेना

लड़कियों को जरूरी निर्णय खुद लेना चाहिए. माता पिता बचपन से ही बेटियों के जीवन से जुड़े निर्णय उन्हें खुद से लेने नहीं देते ऐसे में उनका कॉन्फिडेंस कम हो जाता है. माता-पिता को चाहिए कि वह अपनी बेटियों को निर्णय लेने दें ताकि उनका आत्मविश्वास बढ़े. बचपन से ही लड़कियां जीवन से जुड़े निर्णय खुद लेंगी तो आगे चलकर अपने निर्णय का आकलन भी कर पाएंगी.

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5. आजादी से रहना है जरूरी

बेटियों को आजादी का मतलब समझाएं अगर कोई उनकी बात काट रहा है और उन्हें कहीं आने जाने से रोक रहा है तो बेटियों की आजादी पर सवाल उठता है. ऐसे में माता-पिता अपनी बेटियों को आजादी का मतलब समझाएं और उन्हें यह भी बताएं कि जीवन को किस तरह से जिया जाता है. वहीं अगर कोई तुम्हारे जीवन से जुड़े निर्णय ले रहा है तो उसका मतलब है कि मैं तुम्हारी आजादी छीन रहा है. ऐसे में लड़कियों के लिए पांचवीं सबसे बड़ी सीख है कि उन्हें आजादी के बारे में पता होना जरूरी है.

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6. लड़कियों को कहा ‘हां’ और कहां ‘ना’ बोलना चाहिए

अक्सर लड़कियां किसी ना किसी दबाव में आकर या परिवार वालों की मान बचाने के कारण ‘हां’ बोल देती है ऐसे में वें भूल जाती है कि उनके निर्णय पर उनकी पूरी जिंदगी का दांव लगा रहता है. माता पिता को अपनी लड़कियों को सिखाना चाहिए कि वह किस परिस्थिति में ‘हां’ बोले और किस परिस्थिति में ‘ना’. आपके ‘हां’ बोलने से आपका जीवन नकारात्मक रूप से प्रभावित हो सकता है और आपके ‘ना’ बोलने से आपका जीवन सकारात्मक रूप से प्रभावित हो सकता है. ऐसे में अपनी बेटियों को यह जरूर शिक्षा दें कि उन्हें कहा ‘हां’ बोलना है और कहा ‘ना’.

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