भारत न सिर्फ अपनी संस्कृतियों और खूबसूरती के लिए मशहूर है, बल्कि यहां का खाना भी बेहद स्वादिष्ट होता है. हिमाचल प्रदेश की सांगला घाटी में चितकुल घाटी को तिब्बत और भारत की सीमाओं के बीच अंतिम बसा हुआ गांव माना जाता है. यहां हिन्दुस्तान का आखिरी ढाभा भी मौजूद है, जहां का स्थानीय खाना खाने के लिए लोग काफी दूर-दूर से आते हैं.

भारत का आखिरी ढाबा

हिमालय पर्वतमाला और भव्य घाटियों के साथ चितकुल पहुंचने के बाद आपको यहां हिंदी में बड़े-बड़े अक्षरों में एक साइनबोर्ड दिखाई देगा. ये बोर्ड गांव के प्रवेश द्वार पर ही मौजूद है. इस ढाबे में काफी स्वादिष्ट खाना मिलता है, जिसे लोग खूब पसंद करते है. खाने के मामले में इस ढाबे का कोई जवाब नहीं, कहा जाता है कि लोग खासतौर पर यहां खाना खाने ही आते हैं.

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क्या है ढाबे की खासियत?

ढाबे पर नाश्ता, दोपहर का भोजन और रात का खाना परोसा जाता है. यहां आप चावल, दाल, सब्जी और चिकन दोनों तरह की करी और सलाद का मजा ले सकते हैं. आप यहां कुछ लाइट खाने का भी मजा ले सकते हैं जैसे चाय, कॉफी, नूडल्स, मोमो, ब्रेड और अंडे. अगर खासियत की बात की जाए, तो ढाबे की चाय काफी मशहूर है, जो लोगों को खूब पसंद आती है.

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क्यों है मशहूर?

हिन्दुस्तान का आखिरी ढाभा परिवार के साथ घूमने के लिए अच्छी जगह है. अगर आप चितकुल आ रहे हैं, तो आपको एक बार इस ढाबे पर जरूर आना चाहिए. इस रोमांचकारी सड़क पर ढाबे का मजा लेने के लिए अक्सर लोगों की भीड़ रहती है. यहां जाने के लिए आप पहले शिमला या चंडीगढ़ तक हवाई जहाज से पहुंच सकते हैं और फिर कार से इस जगह तक पहुंच सकते हैं. ज्यादातर पर्यटक सड़क मार्ग से चितकुल जाना पसंद करते हैं.

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