भारत इस साल 75वां स्वतंत्रता दिवस (Independence Day) मना रहा है. जैसा कि आपको पता है कि इस दिन भारत को अंग्रेजों की गुलामी से आजादी मिली थी. वहीं, 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस (Republic Day) मनाया जाता है. 26 जनवरी 1950 को भारत में संविधान लागू किया गया था. हमारे देश में 15 अगस्त और 26 जनवरी इन्हीं दो खास मौकों पर तिरंगा फहराया जाता है, लेकिन स्वतंत्रता दिवस और गणतंत्र दिवस में झंडा फहराने में अंतर है. अपने इस लेख में हम आपको इसके बारे में बताएंगे. चलिए जानते हैं 15 अगस्त और 26 जनवरी को फहराए जाने वाले झंडे के बीच क्या अंतर है.

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पहले अंतर के बारे में जानें

15 अगस्त यानी स्वतंत्रता दिवस के खास अवसर पर झंडे को नीचे से रस्सी द्वारा खींचकर ऊपर ले जाया जाता है. इसके बाद खोलकर फहराया जाता है. इसे ध्वजारोहण कहा जाता है. ऐसा 15 अगस्त 1947 की ऐतिहासिक घटना को सम्मान देने के लिए किया जाता है. संविधान में इसे अंग्रेजी में Flag Hoisting यानी ध्वजारोहण कहा जाता है. वहीं, अगर 26 जनवरी यानी गणतंत्र दिवस की बात करें तो इस अवसर पर तिरंगा झंडा ऊपर ही बंधा रहता है जिसे खोलकर फहराया जाता है. संविधान में इसे Flag Unfurling यानी झंडा फहराना कहा जाता है.

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दूसरे अंतर के बारे में जानें

स्वतंत्रता दिवस के दिन भारत के प्रधानमंत्री ध्वजारोहण करते हैं क्योंकि स्वतंत्रता के दिन भारत का संविधान लागू नहीं हुआ था. वहीं, राष्ट्रपति तब तक पदभार ग्रहण नहीं किया था. वहीं, गणतंत्र दिवस की बात करें तो इस दिन भारत के राष्ट्रपति अपना संदेश राष्ट्र के नाम देते हैं. 26 जनवरी को देश में संविधान लागू होने के उपलक्ष्य में मनाया जाता है. इस दिन देश के राष्ट्रपति झंडा फहराते हैं.

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तीसरे अंतर के बारे में जानें

स्वतंत्रता दिवस के दिन लाल किले से प्रधानमंत्री द्वारा ध्वजारोहण किया जाता है. वहीं, गणतंत्र दिवस के दिन राजपथ पर भारत के राष्ट्रपति द्वारा झंडा फहराया जाता है.