Kaal Bhairav Temple: मार्गशीर्ष माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि के दिन काल भैरव जयंती मनाई जाती है. इस बार काल भैरव जयंती 16 नवंबर 2022 (Kaal Bhairav Jayanti 2022 Date) को है. हिन्दू मान्यता के मुताबिक, काल भैरव भगवान शिव का ही अंश है. भगवान शिव ने काल भैरव को काशी का कोतवाल नियुक्‍त किया है. काल भैरव जयंती के दिन भक्त व्रत भी रखते हैं और पूजा करते हैं. मान्यता है कि काल भैरव खुश होने पर भक्तों को जीवन में सुख-समृद्धि का वर देते हैं और उनकी सभी मांगी गई मनोकामना को पूरा करते हैं.

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आइए जीवन में सुख-समृद्धि का वर देने वाले भगवान भैरव (Kaal Bhairav Temple) के उन प्रसिद्ध मंदिरों के बारे में जान लेते हैं, जहां पर केवल दर्शन करने से जीवन के दुख दूर हो जाते हैं और मनोकामना पूरी होती है.

1 .किलकारी भैरव, दिल्ली

किलकारी भैरव मंदिर देश की राजधानी दिल्ली के पुराने किले पास स्थित है. मान्यता के अनुसार, इस मंदिर को महाभारत काल में पांडवों के जरिए स्थापित किया था. इस मंदिर में हर रविवार को भक्तों की अधिक भीड़ देखने को मिलती है.

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2.काल भैरव मंदिर, उज्जैन

यह मंदिर उज्जैन में है जो कि भगवान काल भैरव को समर्पित है. क्षिप्रा नदी के किनारे इस मंदिर में भक्त बहुत दूर-दूर से पूजा करने से आते हैं. मान्यता है कि इस मंदिर में पूजा-अर्चना करने से भगवान भैरव अपने भक्त की समस्या दूर होती है. इस मंदिर में भगवान भैरव को कई प्रकार की पूजा सामग्री के साथ विशेष रूप से शराब भी चढ़ाई जाती है.

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3.काल भैरव मंदिर, वाराणसी

काशी में काल भैरव मन्दिर वाराणसी कैन्ट से करीब 3 किलोमीटर शहर के उत्तरी भाग में स्थित है. मान्यता है कि जो इस शहर में आता है. उसे पहले इस शहर में आने वाले भगवान भैरव की पूजा करके आशीर्वाद लेना होता है.

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4.बटुक भैरव मंदिर, नैनीताल

बटुक भैरव मंदिर उत्तराखंड के नैनीताल शहर में स्थित है. आपकी जानकारी के लिए बता दें कि इस पावन धाम को लोग गोलू देवता के नाम से बुलाते हैं, जो लोग कागज में अपनी समस्या और मनोकामनाएं लिख कर लाते हैं और जब भक्त की मनोकामना पूरी हो जाती है. तो वह अपने आराध्य के लिए यहां पर घंटी बांध कर आभार प्रकट करता है.

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ओपोई इसकी पुष्टि नहीं करता है.)