Diwali 2022 Green Crackers: देशभर में 24 अक्टूबर को दिवाली का पर्व मनाया जाएगा. इस त्योहार का अधिकतर लोगों को बेसब्री से इंतजार रहता है. इस दिन लोग अपने घरों में लाइट्स और रंगोली और दियों से सजाने के साथ खुद भी नए कपड़े पहनते हैं. इसके अलावा पटाखे भी खूब जलाए जाते हैं. लेकिन इस वर्ष देश के कई शहरों में पटाखों को लेकर सख्ती जताई जा रही है.कारण है वायु प्रदूषण (Air Pollution) का ख़तरनाक स्तर पर पहुंचना.

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आपकी जानकारी के लिए बता दें कि दिल्ली (Delhi) में पटाखों को बेचने, जलाने या रखने पर पूरी तरह बैन है. वहीं, पंजाब में ग्रीन पटाखे (Green Crackers) फोड़ने की अनुमति दी है. यह निर्देश राज्य के पर्यावरण विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग ने जारी किया है. ग्रीन पटाखे कम प्रदूषण फैलाते हैं. इन पटाखों को बनाने में ऐसे कच्चे माल का इस्तेमाल किया जाता है, जो प्रदूषण कम फैलाने में मदद करते हैं. तो चलिए हम आपको बताएंगे ग्रीन पटाखे क्या होते हैं.

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ग्रीन पटाखे भी अन्य पटाखों की तरह ही होते हैं. लेकिन इस पटाखे के प्रयोग से कम प्रदूषण होता है. इन पटाखो को जलाने के बाद पानी के कण पैदा होते हैं. इसमें नाइट्रोजन और सल्फर के कण घुल जाते हैं, जिसकी वजह से अन्य पटाखों की तरह धुंआ नहीं बनता है.

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बता दें कि इनमें कुछ इस तरह के पटाखे भी होते हैं, जो जलने के बाद नाइट्रोजन और सल्फर कम मात्रा में पैदा होता है. अन्य पटाखों के मुकाबले में ग्रीन पटाखों में एल्यूमीनियम का प्रयोग बहुत कम होता है, जिससे इनमे से हानिकारक गैस कम पैदा होती है. प्रदूषण को बढ़ने से रोकने के लिए इन पटाखों को अधिक तवज्जो अब दी जाने लगी है.