देश का भविष्य युवाओं (Youth) को माना जाता है, जिस देश के युवा कमजोर स्थिति में हों तो उस देश का भविष्य खतरे में आ जाता है. भारत समेत ऐसे कई देश हैं, जहां आज के समय में भी रोजगार (Employment) और शिक्षा जैसी ​बुनियादी चीजें उपलब्ध नहीं है और कई युवा बेरोजगार है. इसके अलावा तमाम युवा ऐसे भी हैं, जो नौकरी (Job) के सीमित अवसरों को देखते हुए अपने हुनर से जॉब प्राप्त नहीं कर पाते हैं. कम वेतन में भी काम करते हैं. इन सभी बातों के मद्देनजर स्थितियों के प्रति जागरुकता बढ़ाने के उद्देश्य से प्रत्येक वर्ष 15 जुलाई को विश्व युवा कौशल दिवस (World Youth Skills Day) मनाया जाता है. इस लेख में हम आपको बताएंगे कि विश्व युवा कौशल दिवस का इतिहास और महत्व.

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टीवी 9 भारतवर्ष रिपोर्ट के के अनुसार, आज के समय में युवाओं के बीच बेरोजगारी की चुनौतियों को कम करने और साथ ही उन्हें कौशल विकास को लेकर जागरूक करने के लिए विश्व युवा कौशल दिवस (World Youth Skills Day) की शुरुआत की गई. संयुक्त राष्ट्र महासभा ने युवाओं को रोजगार और एंटरप्रेन्योरशिप के लिए स्किल्स से लैस करने के रणनीतिक महत्व का जश्न मनाने के लिए 2014 में 15 जुलाई को प्रत्येक वर्ष विश्व युवा कौशल दिवस मनाने की घोषणा की थी.

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पहली बार विश्व युवा कौशल दिवस 15 जुलाई को मनाया गया. उस समय से लेकर हर वर्ष इस दिन को विश्व युवा कौशल दिवस के रूप में मनाया जाता है. इस दिन युवाओं को कौशल विकास को लेकर जागरूक करने के लिए जगह जगह कई तरह के कार्यक्रमों का आयोजन होता है.

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आपकी जानकारी के लिए बता दें कि भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारतीय संस्कृति में स्किल्स के महत्व को रेखांकित किया है. भारत में 15 जुलाई 2015 को विश्व युवा कौशल दिवस के अवसर पर प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना की शुरुआत की गई थी. इस योजना का एलान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया था. इस योजना के तहत सरकार की ओर से देश के युवाओं को अलग-अलग क्षेत्रों में फ्री में औद्योगिक प्रशिक्षण दिया जाता है, जिससे वो युवा रोजगार प्राप्त कर सकें.

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इस मिशन के तहत 14 से 35 वर्ष के युवा प्रशिक्षण प्राप्त कर सकते हैं. प्रशिक्षण के लिए 3, 6, और 1 साल के लिए पंजीकरण कराना होता है. सरकार की तरफ से कोर्स पूरा करने के बाद एक सर्टिफिकेट दिया जाता है. इस सर्टिफिकेट के बाद देशभर युवा स्किल्स के आधार पर कहीं भी रोजगार सरलता से प्राप्त कर सकते हैं.