World Organ Donation Day 2022: अंगदान के प्रति जागरुकता फैलाने और अंगदान से संबंधित मिथकों को हल करने के रूप में प्रत्येक वर्ष 13 अगस्त को विश्व अंग दान दिवस (World Organ Donation Day) मनाया जाता है. यह दिन लोगों को ज्यादा जीवन बचाने के लिए मृत्यु के बाद अपने स्वस्थ अंगों को दान करने के लिए प्रोत्साहित करने का प्रयास करता है. अंगों जैसे आंख, दिल, लंग्स, किडनी को दान करने से लंबे समय की बीमारियों से परेशान लोगों को जिंदगी बचाने में सहायता मिल सकती है. आपकी जानकारी के लिए बता दें कि जिस व्यक्ति को डॉक्टर ब्रेन डेड घोषित कर देते हैं. उनका अंग दान (Organ Donation) किया जा सकता है. इस आर्टिकल में हम आपको बताएंगे विश्व अंग दान दिवस का इतिहास और महत्व.

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विश्व अंग दान दिवस का इतिहास महत्व

प्रभात खबर न्यूज़ रिपोर्ट के मुताबिक, विश्व का पहला अंगदान वर्ष 1954 में किया गया था. रोनाल्ड ली हेरिक नाम के एक व्यक्ति ने अपने जुड़वां भाई को वर्ष 1954 में अपनी एक किडनी दान की थी. डॉक्टर जोसेफ मरे को फिजियोलॉजी और मेडिसिन में जुड़वां भाइयों रोनाल्ड और रिचर्ड हेरिक के बीच सफलतापूर्वक किडनी ट्रांसप्लांट किया. इसके लिए वर्ष 1990 में डॉक्टर जोसेफ मरे को फिजियोलॉजी या मेडिसिन में नोबेल पुरस्कार भी मिला था.

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विश्व अंग दान दिवस का महत्व

अंग प्रतिरोपित व्यक्ति के जीवन में अंग दान करने वाला व्यक्ति एक ईश्वर की भूमिका निभाता है.अपने अच्छे क्रियाशील अंगों को दान करने के द्वारा कोई अंग दाता 8 से ज्यादा जीवन को बचा सकता है. विश्व अंग दान दिवस 13 अगस्त (World Organ Donation Day Date) को मनाया जाता है. ये दिवस एक बेहतरीन अवसर देता है. हर एक के जीवन में कि वो आगे बढ़े और अपने बहुमूल्य अंगों को दान देने का संकल्प लें.

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इन अंगों का कर सकते हैं दान

व्यक्ति की मौत के बाद उसके अंग जैसे लिवर, हृदय, आंत, फेफड़े, अग्न्याशय और फेफड़ेको दूसरे इंसान में ट्रांसप्लांट कर सकते हैं.

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कौन कर सकता है अंगदान

धर्म,जात और उम्र के बावजूद स्वेच्छा से कोई भी अंगदान कर सकता है.लेकिन आवशयक है कि अंगदाता पुरानी बीमारियों जैसे एचआईवी, दिल, लंग और कैंसर की बीमारी से पीड़ित न हो. स्वस्थ डोनर का बहुत अधिक महत्व है और 18 साल की उम्र होने पर आप अंगदान बनने के लिए पंजीकरण करा सकते हैं.