Work From Home Culture: साल 2019 में कोरोना वायरस ने कहर बरपाना शुरू किया और फिर 2020 में भारत भी इसकी चपेट में आ गया. तब भारत सरकार ने पुरे देश में लॉकडाउन लागू किया था. इसके बाद कॉरपोरेट दफ्तरों में वर्क फ्रॉम होम का कल्चर आया, जो आज भी  जारी है. हालांकि लोग ऑफिस जाकर फिर से काम कर रहे हैं, लेकिन जरूरत के हिसाब से वर्क फ्रॉम होम का विकल्प जरूर चुनते हैं. इसे हाइब्रिड मॉडल का नाम दिया गया है. यह देखने में भले ही सुविधाजनक लगे, लेकिन सेहत के लिए हानिकारक भी साबित हो सकता है.

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आराम के चक्कर में होगा नुकसान (Work From Home Culture)

घर से काम करते समय एक अलग तरह का कंफर्ट जोन होता है, क्योंकि तब आप अपने सीनियर या सहकर्मी के सामने नहीं काम करते हैं. ऐसे में आप अपनी पसंद के कपड़े पहनकर आराम से काम कर सकते हैं. कुछ लोग आराम के इतने आदी हो जाते हैं कि ऑफिस का काम कुर्सी-टेबल की जगह बिस्तर पर बैठकर ही पूरा करने लगते हैं. आराम की ये आदत बिगाड़ सकती है सेहत, आइए जानते हैं कैसे.

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बिस्तर पर बैठकर ऑफिस का काम करने के नुकसान

वजन का बढ़ना: वर्क फ्रॉम होम की वजह से पिछले कुछ सालों में लोगों की फिजिकल एक्टिविटीज कम हो गई हैं, जिससे कई लोगों का वजन तेजी से बढ़ गया है. इसे घटाना अब काफी मुश्किल है, अगर आप इसके साथ घंटों बिस्तर पर पड़े रहें तो पेट और कमर की चर्बी और भी ज्यादा बढ़ जाएगी.

आलस्य बढ़ेगा: बिस्तर पर काम करने से आपके पास कभी भी लेटने का विकल्प होता है, खासकर सर्दियों के मौसम में लोग रजाई और कंबल में पैर रखकर काम करते हैं, जिससे नींद और सुस्ती बढ़ती है, ऐसा आलस्य शरीर को नुकसान पहुंचाता है.

पीठ और रीढ़ की हड्डी में दर्द: जब आप बिस्तर पर बैठकर लैपटॉप पर काम करते हैं, तो आपकी कमर और पीठ की स्थिति सही नहीं होती है, इससे कमर दर्द या रीढ़ की हड्डी में दर्द हो सकता है, इसलिए जहां तक संभव हो कुर्सी टेबल पर बैठकर ही काम करना चाहिए.

(Disclaimer: ये जानकारी एक सामान्य सुझाव है. इसे किसी तरह के मेडिकल प्रोफेशनल की सलाह के तौर पर न लें. आप इसके लिए अपने डॉक्टरों से सलाह लें.)